नई दिल्ली, 28 अप्रैल . 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है. हिंदू धर्म में इसे अत्यंत शुभ दिवस माना गया है. कई शुभ संयोग इस तिथि से जुड़े हैं. अक्षय का अर्थ ही होता है जो क्षय न हो और इसलिए कभी क्षय न होने वाला धातु सोना लोग बढ़ चढ़कर खरीदते हैं. लेकिन महंगाई के इस दौर में और सोने की आसमान छूती कीमत के बीच भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो खरीदी जा सकती हैं. इससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का संचार होगा.
भविष्य पुराण, नारद पुराण से लेकर कई पवित्र ग्रंथों में इस दिवस का उल्लेख मिलता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया पर सोना-चांदी न ले सकें तो सुख-समृद्धि के लिए मिट्टी का बर्तन, कौड़ी, पीली सरसों, हल्दी की गांठ, रूई खरीदना बेहद शुभ रहेगा. अब सवाल उठता है कि आखिर यही चीजें क्यों? इन विभिन्न तत्वों का संबंध ग्रह नक्षत्रों से भी है.
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सोने के बदले तांबा और सोना खरीदना लाभकारी होता है. ये सूर्य को मजबूत करता है और इसके बलवान होने से लोगों के बीच और समाज में मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. रूई का संबंध शुक्र ग्रह से है और इसे लेकर माता लक्ष्मी की कृपा बरसती है. हल्दी की गांठ गुरु को मजबूत करती है और जीवन में स्थायित्व लाकर मान-सम्मान बढ़ाती है. मिट्टी का बर्तन मंगल को मजबूत करता है और कर्ज मुक्ति के साथ ही बेवजह की परेशानी से भी निजात दिलाता है.
पीली सरसों से दरिद्रता दूर होती है और नकारात्मकता भी खत्म होती है, तो पीली कौड़ी धन, सम्पत्ति और समृद्धि का कारण बनती हैं. इसके साथ ही इस दिन संभव हो तो आदि शंकराचार्य द्वारा रचित कनकधारा स्त्रोत का पाठ जरूर करना चाहिए.
अक्षय तृतीया के दिन दान का भी काफी महत्व होता है. दान भी सफेद चीजों का- जैसे, दही, चावल, दूध, खीर आदि का.
अब बात करते हैं अक्षय तृतीया 2025 के शुभ मुहूर्त की. तो दृक पंचांगानुसार तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शाम 05:32 मिनट पर प्रारंभ होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 02:12 बजे पर समाप्त होगी. इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 06 घंटे 37 मिनट की है. पूजन के साथ गृह प्रवेश का भी समय सर्वोत्तम है.
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केआर/