नई दिल्ली, 27 अप्रैल . पाकिस्तान की सेना पिछले तीन दिन से नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी कर रही है. भारतीय सेना ने इसका त्वरित और कड़ा जवाब दिया है. गोलीबारी का यह सिलसिला जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ है. इन सबके बीच रविवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई.
माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह के आवास पर करीब 40 मिनट तक चली बैठक में आतंकवाद के खात्मे को लेकर जनरल अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री को सैन्य रणनीति और तैयारियों से अवगत कराया है.
रक्षा तैयारियों को लेकर रविवार को दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकारी भी मौजूद रहे. बीएसएफ के डायरेक्टर जनरल दलजीत सिंह चौधरी गृह मंत्रालय गए. माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियान पर चर्चा की है.
गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रही है. पाकिस्तानी सैन्य चौकियों से लगातार तीसरे दिन गोलाबारी की गई है. बीती रात (26-27 अप्रैल की रात) पाकिस्तानी सेना ने एक बार फिर से फायरिंग की. भारतीय सेना ने पाकिस्तान द्वारा की गई इस फायरिंग का पुरजोर और मुंहतोड़ जवाब दिया है.
सेना के मुताबिक, 26-27 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने तुतमारी गली और रामपुर सेक्टर के सामने के इलाकों में नियंत्रण रेखा के उस पार से बिना उकसावे के छोटे हथियारों से फायरिंग की. भारतीय सैनिकों ने उचित छोटे हथियारों से इसका प्रभावी ढंग से जवाब दिया है.
इस बीच, भारतीय नौसेना ने कहा है कि वह देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए किसी भी समय, कहीं भी और किसी भी प्रकार से मुकाबले के लिए तैयार है. अपनी तैयारी को परखते हुए और दुश्मन को चेतावनी देने के लिए नौसेना ने सफलतापूर्वक एंटी-शिप फायरिंग की. यह परीक्षण भारतीय नौसेना के जहाजों से किया गया. नौसेना की इस एंटी-शिप फायरिंग ने लंबी दूरी के सटीक आक्रामक हमले के लिए प्लेटफॉर्म, सिस्टम और चालक दल की तत्परता को पुनः प्रमाणित किया है.
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जीसीबी/एकेजे