मध्य प्रदेश : नर्मदापुरम के सेठानी घाट पर अमावस्या स्नान, उमड़े श्रद्धालु

नर्मदापुरम (मध्य प्रदेश), 27 अप्रैल . वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध सेठानी घाट, नर्मदापुरम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. हजारों श्रद्धालु आज मां नर्मदा में स्नान कर धर्म और पुण्य की प्राप्ति के लिए दान-पुण्य में लीन नजर आए. वैशाख अमावस्या का दिन पितरों की शांति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.

वैशाख अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालु न केवल स्नान कर रहे हैं, बल्कि सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन भी कर रहे हैं और सत्तू का दान भी कर रहे हैं, जिसे अत्यंत पुण्यदायक माना गया है. सेठानी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही उमड़ने लगी थी. भक्तगण नर्मदा में आस्था की डुबकी लगाकर अपने पितरों के लिए तर्पण कर रहे हैं. इसके साथ ही जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और सत्तू दान कर रहे हैं.

पंडित संजय दीक्षित ने समाचार एजेंसी को बताया कि वैशाख का महीना बड़ा ही पवित्र और पुण्यदायक होता है. आज के दिन मां नर्मदा में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. सत्तू दान का आज विशेष महत्व बताया गया है. बाहर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आकर नर्मदा में स्नान कर रहे हैं और सत्तू का दान कर पुण्य अर्जित कर रहे हैं. सत्यनारायण भगवान की कथा करवाने से भी विशेष फल की प्राप्ति होती है. श्रद्धालु अपने कुल की उन्नति, पितरों की शांति और जीवन की समृद्धि की कामना करते हुए यह धार्मिक कर्म कर रहे हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार 27 अप्रैल को वैशाख अमावस्या है. इस दिन को हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान और पितृ तर्पण करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, पुण्य की प्राप्ति होती है, और पूर्वजों को मोक्ष मिलता है.

वैशाख महीने की अमावस्या को ‘दर्श अमावस्या’ के नाम से भी जाना जाता है. पितरों को खुश करके उनका आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन का विशेष महत्व है. आज के दिन पिंडदान, तर्पण और दान-पुण्य करने से पूर्वजों को खुशी मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. कहा जाता है कि अगर पितृ नाराज हो जाते हैं तो घर-परिवार पर संकट मंडराने लगते हैं. ऐसे में पितरों की नाराजगी दूर करने के लिए खासतौर से अमावस्या पर पितरों की पूजा की जाती है.

पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 27 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन 28 अप्रैल की मध्य रात्रि 1 बजे हो जाएगा.

पीएसके/केआर