पहलगाम हमले पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल बोले, ‘भारत-पाकिस्तान सीमा को कर देना चाहिए सील’

मुंबई, 24 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ उठाए गए कड़े कदमों पर रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. गोपाल चतुर्वेदी की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने भारत सरकार से पाकिस्तानी सीमा को सील करने की मांग की है.

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने से बातचीत में कहा, “जब भी देश शांति और उन्नति की तरफ जाता है, तब-तब पाकिस्तान के लोग और हमारे देश में कुछ नफरत फैलाने वाले लोग पाकिस्तान के साथ मिलकर इस प्रकार की घटना को अंजाम देते हैं. पाकिस्तान में जब कभी आंतरिक अशांति होती है तो वे हिंदुस्तान को अपना निशाना बनाते हैं. इस समय कश्मीर के हालात बहुत अच्छे थे और बड़े पैमाने पर सैलानी कश्मीर घूमने के लिए पहुंच रहे थे. बहुत साल के बाद वहां पर एक चुनी हुई सरकार बनी है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच एक अच्छी बॉंडिंग दिख रही थी, लेकिन यह बात पाकिस्तान को अच्छी नहीं लगी और इसीलिए आतंकी हमले को अंजाम दिया गया.”

गोपाल चतुर्वेदी ने सीसीएस की बैठक में लिए गए अहम फैसलों पर कहा, “केंद्र सरकार ने फैसला लेने में बहुत देर कर दी और सीसीएस की बैठक में जो निर्णय लिया गया है, उसे बहुत पहले ही लेना चाहिए था. अब पाकिस्तान को समझ में आएगा कि हिंदुस्तान इंसानियत के नाते पाकिस्तान की जो मदद करता था, वह अब रुकेगी. इतना ही नहीं, जो प्यार का वातावरण बन रहा था, वह अब खत्म हो जाएगा. इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट पड़ेगी, क्योंकि सिंधु नदी का पानी न सिर्फ पाकिस्तान में पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है बल्कि खेती, व्यवसाय और पाकिस्तान की कई फैक्ट्रियों में भी इस्तेमाल होता है. इसलिए कई लड़ाइयों के बाद भी इंसानियत के नाते भारत-पाकिस्तान को पानी दे रहा था.”

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा, “मेरे विचार से और अधिक कदम उठाए जाने चाहिए. साथ ही भारत-पाकिस्तान सीमा को सील कर दिया जाना चाहिए. पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) के मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए.”

उन्होंने कहा कि भारत में पाकिस्तानी दूतावास रखने की जरूरत क्या है? पाकिस्तान से संबंध रखने की जरूरत नहीं है. या तो आप दोस्त रह सकते हैं या दुश्मन बने रह सकते हैं. राजनीति क्यों हो रही है? हमने पाकिस्तान को हर बार जांचा है. दूतावास के जरिए ही, लेकिन सारी जानकारी भारत से पाकिस्तान जाती है और फिर पाकिस्तानी भारत में आकर जासूसी करते हैं. इसका तरीका तो यही है कि इसे एक बार में खत्म कर दीजिए.

उन्होंने कहा, “कश्मीर में बहुत दिन बाद पर्यटन शुरू हुआ था. आम लोगों के मन में एक विश्वास जगा था, वह विश्वास अब वापस लाने में कई साल लग जाएंगे. आतंकवादी हमले का असर अमरनाथ यात्रा के दौरान भी देखने को मिलेगा. इस आतंकवादी हमले से जम्मू-कश्मीर की पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी.”

एफएम/एकेजे