आतंकवाद पर सख्ती जरूरी, सिंधु जल समझौते का स्थगन सही दिशा में उठाया कदम : वी कंदासामी

चेन्नई, 24 अप्रैल . जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से उठाए सख्त कदम का अर्थशास्त्री वी कंदासामी ने स्वागत किया है. गुरुवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘ ये राष्ट्रहित में उठाया गया एक कड़ा और निर्णायक कदम’ है.

वी कंदासामी ने कहा कि हमने पाकिस्तान से पहले भी युद्ध लड़े हैं, लेकिन कभी भी सिंधु जल संधि को निलंबित करने की बात गंभीरता से नहीं उठाई. अब समय आ गया है कि हम अपने फैसलों में सख्ती दिखाएं. यह कदम पाकिस्तान को अपने रवैये में सुधार करने के लिए मजबूर करेगा, वरना उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

उन्होंने कहा कि सिंधु जल समझौते के तहत भारत की नदियों का 70 फीसदी पानी पाकिस्तान को जाता है और भारत सिर्फ 30 फीसदी का उपयोग कर पाता है. यह समझौता 1970 के दशक में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था. हालांकि, आर्थिक दृष्टिकोण से अभी भारत को कोई तात्कालिक लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि हमारे पास वह आधारभूत संरचना नहीं है जिससे हम उस पानी का उपयोग कर सकें. भारत के पास यदि अगले चार-पांच वर्षों में आवश्यक बांध और नहरों की व्यवस्था हो जाती है, तो देश के लिए यह एक बड़ा सामरिक और आर्थिक लाभ हो सकता है. उन्होंने कहा, “आज हमारी इंजीनियरिंग क्षमता इतनी मजबूत है कि हम यह कर सकते हैं.”

कंदासामी ने बताया कि भविष्य में भारत यदि चाहे तो बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़ सकता है, जिससे पाकिस्तान में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. पाकिस्तान को ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को यह चेतावनी है कि भारत अब आतंक को सहन नहीं करेगा. हमें बहुत मजबूत सबूत तैयार करने चाहिए और उन्हें वैश्विक मंच पर साझा करना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय समर्थन भारत के पक्ष में हो और पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अलग-थलग पड़ जाए.

उन्होंने कहा कि अभी भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा नहीं है कि वह पाकिस्तान को जाने वाले पूरे पानी का उपयोग कर सके. फिलहाल यह कदम प्रतीकात्मक है, लेकिन इससे पाकिस्तान को साफ संदेश मिल गया है कि भारत अब एकतरफा नहीं बल्कि रणनीतिक सोच के साथ आगे बढ़ रहा है.

कंदासामी ने आगे कहा कि भारत को यह भी देखना होगा कि वह जो रणनीति पाकिस्तान के साथ अपना रहा है, वही अगर कोई अन्य शक्तिशाली पड़ोसी देश भारत के खिलाफ अपनाए, तो इसका प्रभाव कहीं अधिक विनाशकारी हो सकता है. हमें संतुलन बनाकर चलना होगा, लेकिन यह भी सच है कि फिलहाल पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है. यह हमारे लिए एक बड़ा अवसर है.

पीएसके/केआर