नई दिल्ली, 23 अप्रैल : पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के निकट पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले से इस्लामाबाद का कोई संबंध नहीं है. वहीं पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर हमले में हुई जानमाल की हानि पर चिंता व्यक्त की, लेकिन इसे आतंकवादी कृत्य बताने या इसकी निंदा करने से परहेज किया.
पहलगाम में मंगलवार को एक मशहूर पर्यटक स्थल पर हुए भीषण आतंकी हमले में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी सहयोगी आसिफ ने जम्मू-कश्मीर में हिंसा के लिए के लिए ‘घरेलू’ ताकतों को जिम्मेदार ठहराया.
हालांकि खबर लिखे जाने तक भारत की ओर से इस हमले के लिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराने वाली कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई.
आसिफ ने लाइव 92 न्यूज चैनल से बात करते हुए इस घटना से इस्लामाबाद को दूर रखने की कोशिश की.
आसिफ ने दावा किया, “पाकिस्तान का इससे कोई लेना-देना नहीं है. यह सब उनके घर में ही हो रहा है, अलग-अलग तथाकथित राज्यों में भारत के खिलाफ क्रांतियां हो रही हैं, एक नहीं, दो नहीं, बल्कि दर्जनों, नागालैंड से लेकर कश्मीर तक, दक्षिण में, छत्तीसगढ़ में, मणिपुर में. इन सभी जगहों पर भारत सरकार के खिलाफ क्रांतियां हो रही हैं.”
आसिफ ने कहा, “ये स्थानीय स्तर पर हो रहे हैं, लोग अपने अधिकार मांग रहे हैं. हिंदुत्ववादी ताकतें लोगों का शोषण कर रही हैं, अल्पसंख्यकों का दमन कर रही हैं और ईसाइयों और बौद्धों का शोषण कर रही हैं. उन्हें मारा जा रहा है, यह उसके खिलाफ क्रांति है, इसी वजह से वहां ऐसी गतिविधियां हो रही हैं.”
उन्होंने कहा, “इस घटना में हमारा कोई संबंध नहीं है. हम किसी भी परिस्थिति में आतंकवाद का समर्थन नहीं करते हैं और किसी भी स्थानीय संघर्ष में निर्दोष लोगों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए.”
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी राष्ट्रीय नीति गैर-लड़ाकों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं देती है, लेकिन अगर सेना या पुलिस भारत में कहीं भी अपने अधिकार मांगने वाले लोगों के खिलाफ अत्याचार कर रही है – ऐसे लोग जिनके पास मौलिक अधिकार भी नहीं हैं, अगर वे विद्रोह कर रहे हैं और हथियार उठा रहे हैं – तो पाकिस्तान को दोष देना आसान है.”
आसिफ ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी राष्ट्रीय नीति गैर-लड़ाकों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं देती है. अगर सेना या पुलिस भारत में कहीं भी अपने अधिकार मांगने वाले लोगों के खिलाफ अत्याचार कर रही है – ऐसे लोग जिनके पास मौलिक अधिकार भी नहीं हैं, अगर वे विद्रोह कर रहे हैं और हथियार उठा रहे हैं – तो पाकिस्तान को दोष देना आसान है.”
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