मुंबई, 22 अप्रैल . साल 2008 में मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में वीरतापूर्वक शहीद हुए पुलिस कांस्टेबल अंबादास पवार की पत्नी कल्पना पवार को महाराष्ट्र सरकार ने परिवीक्षाधीन पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर नियुक्त किया है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कल्पना पवार को इस पद पर सीधी नियुक्ति के आदेश जारी किए. यह निर्णय शहीदों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और उनके परिवारों के सम्मान को दर्शाता है.
मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इस हमले में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए कई पुलिसकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी. उनमें से एक थे कांस्टेबल अंबादास पवार, जिन्होंने अपनी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा से देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. उनकी पत्नी कल्पना पवार को इस नियुक्ति के माध्यम से न केवल सम्मान मिला है, बल्कि उन्हें देश की सेवा करने का एक नया अवसर भी प्रदान हुआ है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस नियुक्ति को शहीदों के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा बताया. उन्होंने कहा, “शहीदों का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाता. उनकी वीरता और समर्पण हमारे लिए प्रेरणा है. कल्पना पवार को इस पद पर नियुक्त कर हम उनके पति के बलिदान को सम्मान दे रहे हैं और उन्हें भी देश सेवा का अवसर प्रदान कर रहे हैं.”
कल्पना पवार ने इस नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “मेरे पति ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किए. आज मुझे भी उनके नक्शेकदम पर चलने और देश की सेवा करने का अवसर मिला है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह निर्णय लेकर शहीदों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और आम लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को फिर से साबित किया है. यह सरकार किसानों, मेहनतकशों, महिलाओं और शहीदों के परिवारों के लिए काम करती है. मैं अपने पति की तरह ही पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ देश और समाज की सेवा करूंगी.”
इस नियुक्ति को लेकर पुलिस महकमे और समाज के विभिन्न वर्गों में भी खुशी का माहौल है. पुलिस अधिकारियों ने इसे शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार के सम्मान और समर्थन का प्रतीक बताया. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “यह कदम न केवल शहीदों के परिवारों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि पुलिस बल में भी एक सकारात्मक संदेश देगा.”
कल्पना पवार की यह नियुक्ति महाराष्ट्र सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को सम्मानजनक रोजगार और सहायता प्रदान की जाती है. इस कदम से न केवल कल्पना पवार को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त किया गया है, बल्कि अन्य शहीद परिवारों के लिए भी एक प्रेरणा स्थापित की गई है.
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एकेएस/