निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव पर राहुल गांधी के एक-एक दावे का तथ्यों के साथ किया खंडन

नई दिल्ली, 22 अप्रैल . भारतीय निर्वाचन आयोग ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर किए गए “आधारहीन” और “अनुचित” दावों का मंगलवार को बिंदुवार जवाब दिया और वास्तविक तथ्यों को सामने रखा.

राहुल गांधी ने अमेरिका में एक कार्यक्रम में आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता के साथ समझौता किया गया है. उन्होंने अपने दावे के समर्थन में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का उदाहरण दिया था.

उन्होंने मतदान के आखिरी दो घंटों में 65 लाख वोट डाले जाने के चुनाव आयोग के “तर्क” पर सवाल उठाया और इसे “असंभव” बताया था.

चुनाव आयोग ने मंगलवार को एक बयान में कांग्रेस सांसद के दावों को खारिज करने के लिए महाराष्ट्र चुनाव से जुड़े तथ्य और डेटा साझा किए.

आयोग ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान सुबह 7 से शाम 6 बजे तक कुल 6,40,87,588 मतदाता मतदान केंद्र पहुंचे और अपने वोट डाले. औसतन प्रति घंटे करीब 58 लाख वोट डाले गए. इन औसत रुझानों के हिसाब से अंतिम दो घंटों में लगभग 116 लाख मतदाताओं का वोट डालना संभव था.

निर्वाचन आयोग ने कहा कि इसके अलावा उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों द्वारा औपचारिक रूप से नियुक्त किए गए मतदान एजेंटों के सामने मतदान हो रहा था. कांग्रेस के नामित उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों ने अगले दिन रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) और चुनाव पर्यवेक्षकों के समक्ष जांच के समय भी किसी तरह के असामान्य मतदान के संबंध में कोई पुख्ता आरोप नहीं लगाए.

मतदाता सूची में बड़ी संख्या में नाम जोड़े जाने के आरोप पर चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र सहित देश में मतदाता सूची जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की गई है.

नियम के अनुसार, या तो चुनाव से ठीक पहले और/या हर साल एक बार, मतदाता सूची का विशेष सारांश संशोधन किया जाता है और मतदाता सूची की अंतिम प्रति भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सहित सभी राष्ट्रीय/राज्य राजनीतिक दलों को सौंप दी जाती है.

आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान मतदाता सूची को अंतिम रूप देने के बाद, 9,77,90,752 मतदाताओं के मुकाबले, प्रथम अपीलीय प्राधिकरण (डीएम) के समक्ष केवल 89 अपील दायर की गई और द्वितीय अपीलीय प्राधिकरण (सीईओ) के समक्ष केवल एक अपील दायर की गई.

आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2024 से पहले कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल की ओर से कोई शिकायत नहीं थी.

चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि उसने 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को दिए अपने जवाब में ये सभी तथ्य सामने रखे थे, जो चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह के मुद्दों को बार-बार उठाकर इन सभी तथ्यों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है.

चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, “मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान, 1,00,427 मतदान केंद्रों के लिए ईआरओ द्वारा नियुक्त 97,325 बूथ स्तर के अधिकारियों के साथ-साथ सभी राजनीतिक दलों द्वारा 1,03,727 बूथ स्तर के एजेंट भी नियुक्त किए गए थे, जिनमें कांग्रेस द्वारा 27,099 एजेंट नियुक्त किए गए थे. इसलिए, महाराष्ट्र की मतदाता सूची के खिलाफ उठाए गए ये निराधार आरोप कानून के शासन का अपमान हैं.”

आयोग ने गलत सूचना फैलाने के लिए कांग्रेस पार्टी की आलोचना भी की और इसे कानून के शासन का अपमान बताया. उसने बयान में कहा, “किसी के द्वारा फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि अपने स्वयं के राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों को भी बदनाम करती है और लाखों चुनाव कर्मचारियों को हतोत्साहित करती है, जो चुनावों के दौरान अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं.”

राहुल गांधी की ‘चुनाव आयोग की निष्पक्षता से समझौता’ वाली टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आयोग ने कहा कि ऐसी टिप्पणियों का उद्देश्य चुनाव आयोग को बदनाम करना है, जो पूरी तरह से बेतुका है.

एकेजे/एबीएम