नई दिल्ली, 22 अप्रैल . देश की निर्यात बास्केट में इलेक्ट्रॉनिक्स केवल एक वित्त वर्ष में पांचवे से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इसकी वजह प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) की सफलता है. यह बयान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को दिया.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 25 में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात अपने ऑल-टाइम हाई 3.27 लाख करोड़ रुपये पर रहा है. इसमें 2 लाख करोड़ रुपये का मोबाइल निर्यात शामिल था.
वैष्णव ने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स एक वित्त वर्ष में निर्यात बास्केट में पांचवे स्थान से तीसरे स्थान पर आ गया है. यह लगातार तीसरा वर्ष है, जब इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के शीर्ष 10 निर्यात में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम में विशेष रूप से महिलाओं के लिए लाखों नए रोजगार सृजित हुए हैं. साथ ही, स्किल और घरेलू वैल्यू चेन का विस्तार हुआ है और भारतीय एमएसएमई को ग्लोबल सप्लाई चेन में जोड़ने में मदद मिली है.
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में पिछले 10 वर्षों में पांच गुना वृद्धि हुई है, जो 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गई है, जबकि पूरे इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम ने 25 लाख नौकरियां पैदा की हैं.
पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात छह गुना बढ़कर 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.
भारत के मोबाइल निर्यात में ऐतिहासिक बदलाव हुआ है. वित्त वर्ष 25 के पहले 10 महीने में यह सबसे अधिक निर्यात की जाने वाली प्रोडक्ट की कैटेगरी में शामिल था. वित्त वर्ष 14 में यह देश की निर्यात कैटेगरी में 167 वें स्थान पर था.
केंद्रीय मंत्री ने उन हार्डवेयर ब्रांडों की भी सराहना की जो अब भारत की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार ट्रेड वार में चीन को नुकसान हो रहा है.
सरकार ने इस साल जनवरी में कहा था कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 योजना के शुरू होने के सिर्फ 18 महीनों में 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रोडक्शन हुआ और 3,900 लोगों को रोजगार मिला.
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एबीएस/