तुष्टिकरण से शांति नहीं होगी, रियायत से आदर नहीं होगा : चीनी वाणिज्य मंत्रालय

बीजिंग, 21 अप्रैल . चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि फिलहाल अमेरिका ने तथाकथित समानता से सभी व्यापार साथियों पर मनमाना टैरिफ लगाया. इसके साथ उसने विभिन्न पक्षों को कथित रेसिप्रोकल वार्ता करने को मजबूर किया. यह वास्तव में कथित समानता के बहाने से आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र में प्रभुत्ववादी राजनीति लागू कर एकतरफा धमकी देना है.

तुष्टिकरण से शांति प्राप्त नहीं होगी और रियायत से आदर प्राप्त नहीं होगा. एक अरसे के लिए अपने स्वार्थ के लिए दूसरे के हितों को नुकसान पहुंचाने से कथित छूट प्राप्त करना बाघ के साथ उसका चर्म मांगने जैसा है. अंत में खाली हाथ होगा और दूसरे और अपने दोनों पर नुकसान पहुंचेगा.

गौरतलब है कि अनेक विदेशी मीडिया की रिपोर्ट है कि अमेरिकी सरकार टैरिफ वार्ता में दूसरे देशों पर दबाव डालकर उनसे चीन के साथ व्यापार सीमित करने की मांग कर रही है ताकि उन देशों को अमेरिका से शुल्क छूट प्राप्त हो. इसके बारे में संबंधित सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने उपरोक्त बातें कही.

उन्होंने बताया कि चीन विभिन्न पक्षों द्वारा समानतापूर्ण वार्ता से अमेरिका के साथ व्यापारिक मतभेद सुलझाने का सम्मान करता है. चीन के विचार में विभिन्न पक्षों को रेसिप्रोकल टैरिफ सवाल पर न्याय तथा निष्पक्षता और इतिहास के सही पक्ष में खड़े होकर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व व्यापारिक नियमों तथा बहुपक्षीय व्यापार तंत्र की सुरक्षा करनी चाहिए.

खास तौर पर चीन किसी भी पक्ष द्वारा चीनी हितों का बलिदान देकर सौदा करने का डटकर विरोध करता है. अगर ऐसी स्थिति होती है, चीन इसे अस्वीकार कर डटकर जवाबी कार्रवाई करेगा. चीन में अपने हितों की सुरक्षा का संकल्प और क्षमता है.

प्रवक्ता ने कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार जंगली कानून में लौटेगा, तो सभी देश शिकार बन जाएंगे. चीन विभिन्न पक्षों के साथ एकजुट होकर एक साथ एकतरफा धमकी का बहिष्कार करेगा और अपने वैध हितों तथा अंतर्राष्ट्रीय न्याय व निष्पक्षता की सुरक्षा करेगा.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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