दिव्यांगों पर कमेंट करना समय रैना को पड़ा भारी, सुप्रीम कोर्ट ने पक्षकार बनाने का दिया आदेश

मुंबई, 21 अप्रैल . ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ मामले में समय रैना की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. दिव्यांगों का मजाक बनाने के संबंध में समय रैना पर सुप्रीम कोर्ट सख्त है.

सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना की क्लिप को रिकॉर्ड पर लिया है, जिसमें अपनी आंख खो चुके एक व्यक्ति के साथ ही दो महीने के शिशु का मजाक उड़ाया गया था, जिसे जीवित रहने के लिए 16 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत थी.

रैना को हाल ही में ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में माता-पिता पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. अब, रैना को दिव्यांगता के बारे में मजाक से संबंधित एक अन्य मामले में तलब किया गया है.

मामले में क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया कोर्ट पहुंची और उसने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि किस तरह से रैना ने दिव्‍यांगों पर अपने शो में जोक बनाए हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने नाराजगी जताई और कहा कि हम इससे व्यथित हैं.

मामले में जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम आरोपों से वास्तव में परेशान हैं और इन घटनाओं को रिकॉर्ड पर रखना चाहेंगे. यदि आपके पास ट्रांसक्रिप्ट के साथ वीडियो है तो उन्हें भी साथ लाएं. संबंधित व्यक्तियों को पक्षकार बनाएं और उपाय सुझाएं, फिर हम देखेंगे.”

बता दें, एसएमए (स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी) के लिए जीवन रक्षक दवाओं में जोलगेनेस्मा शामिल है, जो थेरेपी है, जिसकी लागत लगभग 16 करोड़ रुपए है. आवेदन में कहा गया है, ”ऐसी दवाएं देश की अधिकांश आबादी के लिए मुश्किल हैं और पहुंच से बाहर हैं. ऐसे में इस तथ्य का मजाक उड़ाना सही नहीं था.”

वहीं, शो के दौरान रैना ने दो महीने के बच्चे के चैरिटी की ओर इशारा किया था. उन्होंने कहा, “कुछ पागलपन” हुआ था, “दो महीने के बच्चे को 16 करोड़ रुपए के इंजेक्शन की आवश्यकता है.”

श्रोताओं में से एक महिला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था, “मैडम, आप मुझे बताइए… अगर आप वह मां होतीं और एक दिन आपके बैंक खाते में 16 करोड़ रुपए आ जाते. जबकि, आपका दो महीने का बच्चा होता तो क्या आप अपने पति से यह नहीं कहतीं कि महंगाई बढ़ रही है.”

एमटी/एबीएम