रामबन, 20 अप्रैल . भारतीय सेना ने एक बार फिर नागरिकों के कल्याण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए, जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) पर रामबन के निकट भारी बारिश और भूस्खलन के कारण फंसे सैकड़ों यात्रियों को मानवीय सहायता प्रदान की.
इस प्राकृतिक आपदा ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित कई यात्री भोजन, पानी, आश्रय और चिकित्सा सहायता के बिना घंटों तक फंसे रहे.
सेना के समय पर हस्तक्षेप ने न केवल उनकी कठिनाइयों को कम किया, बल्कि संकट के समय उनकी सेवा और समर्पण को भी रेखांकित किया.
क्षेत्र में तैनात सेना की इकाइयों ने स्थिति की गंभीरता को तुरंत पहचाना और राहत कार्य शुरू किए. सैनिकों ने फंसे हुए यात्रियों को खाद्य पैकेट, पेयजल और कंबल जैसी आवश्यक वस्तुएं वितरित कीं.
इसके अतिरिक्त, सेना की चिकित्सा टीमें मौके पर पहुंचीं और जरूरतमंद लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की. कई यात्रियों को मामूली चोटें और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जिनका तुरंत इलाज किया गया.
सेना ने नागरिक प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर सड़कों से मलबा हटाने और यातायात को बहाल करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया.
सेना के इस अभियान ने “जरूरत के समय दोस्त” के अपने आदर्श वाक्य को साकार किया. यह पहल न केवल एक राहत कार्य थी, बल्कि नागरिक-सैन्य संबंधों को मजबूत करने वाला एक कदम भी साबित हुई. वहीं स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने सेना के इस मानवीय प्रयास की खुले दिल से सराहना की.
आपको बता दें कि रामबन जिले के सेरी बागना इलाके में रविवार सुबह बारिश के बाद बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं पुलिस ने करीब 100 लोगों को रेस्क्यू किया.
जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार, 20 अप्रैल को हल्की से मध्यम बारिश और ऊंचे इलाकों में बर्फबारी की संभावना है, साथ ही देर शाम तक कुछ स्थानों पर भारी बारिश या बर्फबारी हो सकती है. 21 अप्रैल को हल्की बारिश और गर्जन के साथ बादल छाए रहेंगे. 22 से 28 अप्रैल तक मौसम ज्यादातर शुष्क रहेगा, लेकिन 25 अप्रैल को बादल छाए रह सकते हैं.
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एकेएस/