नासिक, 20 अप्रैल . पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद भाजपा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग कर रही है. भाजपा की मांग पर महाराष्ट्र के एनसीपी नेता छगन भुजबल की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा कि राजनीति में स्वाभाविक रूप से ऐसी मांगें उठती रहती हैं.
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर से बातचीत में कहा, “राजनीति में यह तो चलता रहता है. कहीं कोई दंगा हुआ और लोग मारे गए, तो स्वाभाविक रूप से ऐसी मांगें उठती रहती हैं. दिल्ली में बैठे बड़े नेता ऐसी स्थिति पर ध्यान देंगे.”
मनसे प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक साथ आने की संभावना पर छगन भुजबल ने कहा, “दोनों भाई बचपन में एक साथ खेले हैं और बाला साहेब ठाकरे की निगाहों के सामने एक साथ बड़े हुए हैं. अगर वे एक साथ आते हैं और एकजुट होकर काम करते हैं, तो हम सभी पुराने परिचित, जिन्होंने उन्हें बड़ा होते देखा है, खुश महसूस करेंगे.”
छगन भुजबल ने एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के नासिक दौरे रद्द होने की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि आज अजित पवार को नासिक आना था, मगर पता चला है कि हेलीकॉप्टर खराब होने की वजह से उनका नासिक दौरा रद्द हुआ है.
इससे पहले भाजपा नेता और दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि राज्य में हालात बेहद चिंताजनक हैं और पुलिस महज कुर्सी लगाकर तमाशा देख वापस लौट रही है.
उन्होंने आगे कहा था कि अगर ऐसी स्थिति चलती रही, तो बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना ही पड़ेगा. उन्होंने गृह मंत्री से अपील की कि कम से कम चुनाव के दो महीने पहले आर्मी को राज्य में तैनात किया जाए, ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके.
मिथुन ने यह भी कहा था कि चुनाव के नतीजे आने के बाद भी सेना की मौजूदगी जरूरी है, क्योंकि अगर मौजूदा सरकार फिर जीतती है, तो एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो सकता है.
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