न्यू यॉर्क, 20 अप्रैल . एक नए शोध के अनुसार, वैज्ञानिकों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि की रिकॉर्डिंग को मिलाकर यह पता लगाया है कि बातचीत के दौरान हमारे किन बातों से मस्तिष्क के कौन-कौन से हिस्से उस समय सक्रिय होते हैं.
अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग की टीम ने यह जानने की कोशिश की कि जब हम असली जीवन में बात करते हैं, तो हमारा मस्तिष्क भाषा को कैसे समझता और उपयोग करता है.
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित एक पेपर में प्रमुख लेखक जिंग काई ने बताया, “हम यह समझना चाहते थे कि बातचीत के समय मस्तिष्क के कौन-कौन से हिस्से सक्रिय होते हैं, जब हम बोलते हैं और सुनते हैं, और यह गतिविधियां बातचीत के शब्दों और उनके मतलब से कैसे जुड़ी होती हैं.”
इसके लिए उन्होंने एआई की मदद ली, ताकि यह अच्छे से समझ सकें कि जब हम आपस में बातें करते हैं तो हमारा दिमाग कैसे काम करता है. ठीक वैसे ही जैसे चैटजीपीटी जैसे भाषा मॉडल काम करते हैं. मस्तिष्क के अंदर इलेक्ट्रोड लगाकर उन्होंने बातचीत के दौरान होने वाली मस्तिष्क गतिविधियों को रिकॉर्ड किया.
इस तकनीक से वैज्ञानिक यह जान पाए कि बातचीत में बोले गए शब्दों और उनके अर्थ मस्तिष्क में किस तरह दर्ज होते हैं और मस्तिष्क के कौन से हिस्सों में किस समय कौन सी गतिविधि होती है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि जब हम किसी से बात करते हैं या उसकी बात सुनते हैं, तब मस्तिष्क के फ्रंटल और टेम्पोरल लोब्स के कई हिस्से सक्रिय हो जाते हैं.
दिलचस्प बात यह है कि मस्तिष्क की गतिविधियां बातचीत के हर शब्द और उसके क्रम के अनुसार बदलती रहती हैं. कुछ मस्तिष्क क्षेत्र ऐसे भी पाए गए जो बोलते समय और सुनते समय दोनों में सक्रिय होते हैं, जिससे यह पता चलता है कि इन दोनों क्रियाओं में कुछ समान मस्तिष्क हिस्से काम करते हैं.
शोधकर्ताओं ने यह भी देखा कि जब कोई व्यक्ति सुनने से बोलने की स्थिति में आता है, तो मस्तिष्क की गतिविधियों में साफ बदलाव आता है. यह शोध हमें यह समझने में मदद करता है कि बातचीत जैसा आसान लगने वाला काम, असल में मस्तिष्क के लिए कितना जटिल होता है.
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