पुरी, 19 अप्रैल . ओडिशा के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने शनिवार को पुरी जिले में चल रहे विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की.
सर्किट हाउस के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित उच्च-स्तरीय बैठक में जिले के शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों तक प्रभावी ढंग से पहुंचे. राज्यपाल ने स्वास्थ्य सेवाओं, पेयजल आपूर्ति, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया.
उन्होंने अधिकारियों से चल रही परियोजनाओं की स्थिति, कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान के लिए उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी मांगी. स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में, मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) ने जिले में चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. पेयजल आपूर्ति को लेकर जल जीवन मिशन के तहत किए जा रहे कार्यों की प्रगति पर भी चर्चा हुई.
बैठक में आगामी रथ यात्रा की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई. पुरी की रथ यात्रा वैश्विक स्तर पर ओडिशा की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है. जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती है. राज्यपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, स्वच्छता और आपातकालीन सेवाओं को सुनिश्चित करने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं.
बैठक में स्थानीय विधायक, पुरी के सांसद, जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, सीडीएमओ और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला.
राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने की सलाह दी. उन्होंने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया, ताकि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े लोगों तक इसका लाभ पहुंचे.
वहीं गुरुवार को राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने अपनी पत्नी के साथ पुरी के महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर में दर्शन किए. इस अवसर पर उन्होंने विश्व कल्याण और समृद्धि की प्रार्थना की. मंदिर दर्शन के बाद उन्होंने कहा, “महाप्रभु जगन्नाथ और चतुर्धा मूर्ति के दर्शन पाकर मैं बहुत खुश और आध्यात्मिक रूप से धन्य महसूस कर रहा हूं. मैंने पूरी दुनिया की खुशहाली के लिए प्रार्थना की. मैं आधिकारिक काम से पुरी आया था और भगवान का आशीर्वाद पाकर खुद को बेहद भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. भगवान जगन्नाथ मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक है.”
–
एकेएस/