इस्लामाबाद, 19 अप्रैल . पाकिस्तान ने कहा कि उन अफगान शरणार्थियों के लिए 30 अप्रैल की तय तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी, जो किसी तीसरे देश में बसने का इंतजार कर रहे हैं. स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर उन्हें उनका मेजबान देश इस तारीख तक नहीं बुलाता, तो उन्हें वापस स्वेदश भेज दिया जाएगा.
शुक्रवार को इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि किसी भी गैरकानूनी रूप से रहने वाले विदेशी को तय समय सीमा के बाद देश में रुकने की इजाजत नहीं दी जाएगी. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति अफगानों को गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में रहने में मदद करता हुआ पकड़ा गया, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मंत्री ने कहा कि जो पाकिस्तानी लोग अफगान नागरिकों को दुकान, घर या होटल का कमरा किराए पर देंगे या उन्हें नौकरी पर रखेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
चौधरी ने कहा कि सभी प्रांतों को साफ हिदायत दे दी गई है. अगर कोई भी व्यक्ति किसी गैरकानूनी विदेशी को दुकान, घर या कोई भी जगह देता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें पाकिस्तान सरकार ने अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) रखने वाले लोगों को 31 मार्च तक देश छोड़ने का समय दिया था.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के एक मंत्री ने बताया कि 1 अप्रैल से अब तक 84,869 अफगान नागरिकों को पाकिस्तान से वापस उनके देश भेजा जा चुका है.
इस बीच, पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार शनिवार को एक दिन की यात्रा पर अपने उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ काबुल जा रहे हैं. यह यात्रा इसलिए हो रही है ताकि सुरक्षा से जु़ड़े मुद्दों और अफगान नागरिकों को जबरन पाकिस्तान से निकाले जाने के कारण दोनों देशों के बीच पैदा हुए तनाव को कम किया जा सके.
वहीं अफगानिस्तान के उद्योग और वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजीजी की अगुवाई में एक अफगान प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार से मुलाकात की और बातचीत की.
अफगानिस्तान की सरकारी बख्तर समाचार एजेंसी के मुताबिक, यह बातचीत खास तौर पर अफगान शरणार्थियों की सम्मान के साथ वापसी और दोनों देशों के आपसी रिश्ते मजबूत करने पर केंद्रित थी.
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एसएचके/एमके