एविडेंस-बेस्ड पॉलिसी निर्माण और प्रभावी शासन को बढ़ावा देने के लिए ‘डेटा यूजर्स’ कॉन्फ्रेंस का आयोजन

नई दिल्ली, 19 अप्रैल . सरकार ने शनिवार को एविडेंस-बेस्ड पॉलिसी निर्माण और प्रभावी शासन को बढ़ावा देने के लिए मुंबई में इंदिरा गांधी विकास अनुसंधान संस्थान (आईजीआईडीआर) के साथ मिलकर ‘डेटा यूजर्स’ कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की घोषणा की.

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) का राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) डेटा यूजर्स और दूसरे हितधारकों के साथ जुड़ाव को मजबूत करने के अपने निरंतर प्रयासों के अनुरूप, 21 अप्रैल को मुंबई में गोरेगांव (पूर्व) स्थित आईजीआईडीआर परिसर में सम्मेलन का आयोजन कर रहा है.

डेटा यूजर्स कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव डॉ. सौरभ गर्ग करेंगे.

इस कार्यक्रम में लगभग 250 प्रतिभागी भाग लेंगे, जिनमें रिसर्चर्स, शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, औद्योगिक संघ, नीति निर्माता, अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि, निजी सर्वेक्षण एजेंसियां ​​और शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित संस्थान शामिल होंगे. इसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (एनएससी) और तकनीकी समितियों के विशेषज्ञ और सदस्य भी मौजूद रहेंगे.

मंत्रालय रोजगार और बेरोजगारी, उपभोग व्यय और औद्योगिक सांख्यिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रमुख आर्थिक संकेतक उत्पन्न करने के लिए बड़े पैमाने पर सैंपल सर्वे करता है.

यह राष्ट्रीय खातों और मूल्य सूचकांकों सहित जरूरी व्यापक आर्थिक संकेतक भी तैयार करता है. ये डेटा सेट भारत में एविडेंस-बेस्ड पॉलिसी निर्माण और प्रभावी शासन के लिए आधार बनाते हैं.

मंत्रालय के अनुसार, डेटा प्रोड्यूसर्स और डेटा यूजर्स के बीच संवाद को बढ़ावा देने, ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और क्षेत्र में नवीनतम विकास पर चर्चा करने के लिए सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.

नेशनल सैंपल सर्वे पर टेक्निकल सेशन सैंपल डिजाइन, गुणकों की गणना और एनएसएस हाउसहोल्ड सर्वे में मापदंडों के अनुमान का अवलोकन प्रदान करेंगे.

सत्र 2022-23 और 2023-24 के लिए हाउसहोल्ड कंजंप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे (एचसीईएस) के संचालन से प्रमुख सबक भी उजागर करेंगे, जिसमें नवीनतम डेटा रिलीज से प्राप्त इनसाइट शामिल होंगे.

इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि यूजर्स की समझ बढ़ाने और व्याख्या में स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) पद्धति में हाल के बदलावों को पेश किया जाएगा.

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