नौसैनिक रिश्तों को मजबूती देने मोजाम्बिक पहुंचा आईएनएस सुनयना

नई दिल्ली, 18 अप्रैल . भारतीय नौसेना का समुद्री जहाज आईएनएस सुनयना इन दिनों अफ्रीका में तैनात है. वर्तमान में हिंद महासागर जहाज (आईओएस) ‘सागर’ के रूप में ‘आईएनएस सुनयना’ अफ्रीका में है. यह जहाज 17 अप्रैल को मोजाम्बिक के नकाला बंदरगाह पर पहुंचा था.

जहाज ने इससे पहले तंजानिया के दार-ए-सलाम में भारत-अफ्रीका समुद्री साझेदारी अभ्यास ‘ऐक्यमेय 25’ के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया था. ‘आईओएस सागर’ भारत सरकार के समुद्री सहयोग पर आधारित एक अनूठा मिशन है. इसका नाम सागर है, जिसका अर्थ है क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास. इस मिशन का उद्देश्य भारत और कई अफ्रीकी देशों के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है.

जहाज को 5 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत में कारवार नेवल बेस से मिशन पर रवाना किया था. भारत से रवाना होने पर नौसेना के इस आधुनिक जहाज ने कोमोरोस, केन्या, मेडागास्कर, मॉरीशस, मालदीव, मोजाम्बिक, सेशेल्स, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका सहित नौ मित्र देशों के 44 नौसैनिकों को अपने साथ लिया था. अब नकाला पहुंचने पर, जहाज का स्वागत कमांडर नेल्सन एच. मबजिया, चीफ ऑफ कमीशन ने किया. इस मौके पर मोजाम्बिक नौसेना बैंड भी मौजूद था.

नौसेना के मुताबिक जहाज के बंदरगाह प्रवास के दौरान कई सहयोगी गतिविधियों और आउटरीच कार्यक्रमों के आयोजन की योजना बनाई गई है. इन गतिविधियों का उद्देश्य मोजाम्बिक नौसेना के साथ क्षमता निर्माण, परिचालन तालमेल और सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देना है. इनमें विजिट, बोर्ड, सर्च एंड सीजर (वीबीएसएस) अभ्यास के साथ-साथ अग्निशामक और क्षति नियंत्रण प्रक्रियाओं पर संयुक्त प्रशिक्षण शामिल है. जहाज समुद्री मित्रता के उत्सव में स्थानीय अधिकारियों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए डेक रिसेप्शन की भी मेजबानी करेगा. जहाज के चालक दल द्वारा सामुदायिक बातचीत में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए योग सत्र का आयोजन किया जाएगा. यहां रह रहे भारतीय प्रवासियों और स्थानीय स्कूली बच्चों के लिए जहाज का दौरा सुनिश्चित किया जाएगा.

समुद्री जागरूकता और क्षेत्रीय इतिहास पर केंद्रित एक अंतर-विद्यालय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी. इसके साथ ही यहां नौसेना संचालन में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान करने के लिए नामपुला सैन्य अकादमी के सैन्य कैडेटों का दौरा भी होगा. बंदरगाह दौरा पूरा होने पर भारतीय जहाज में मोजाम्बिक नौसेना के जवान और अधिकारी समुद्री सवारों के रूप में आएंगे. भारतीय नौसेना का जहाज इन्हें मोजाम्बिक अनन्य आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में एक संयुक्त निगरानी मिशन के लिए रवाना करेगा. यह कदम समुद्री सुरक्षा और गैर-पारंपरिक खतरों का मुकाबला करने के लिए साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगा.

रक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह बंदरगाह यात्रा भारतीय और मोजाम्बिक नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग और अंतर-संचालन को बढ़ाने वाला एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. यह हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री साझेदारी को मजबूत करेगा और आपसी विश्वास को बढ़ाएगा. ‘सागर’ पहल के दृष्टिकोण के अनुरूप यह सामूहिक क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत की स्थायी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है.

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