पाक-अफगान : तनवापूर्ण संबंधों को सुधारने की बैठक, काबुल में दोनों देशों के अधिकारियों की अहम बैठक

इस्लामाबाद, 16 अप्रैल . अफगानिस्तान के लिए पाकिस्तान के विशेष प्रतिनिधि राजदूत सादिक खान बुधवार को पाकिस्तान-अफगानिस्तान संयुक्त समन्वय समिति (जेसीसी) की दूसरे दौर की बैठक में भाग लेने के लिए एक दिवसीय दौरे पर काबुल पहुंचे. यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के संबंध मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं.

जेसीसी की बैठक 16 महीने बाद हो रही है. अफगान तालिबान पक्ष का प्रतिनिधित्व उप रक्षा मंत्री मुल्ला अब्दुल कयूम जाकिर करेंगे.

जाकिर ग्वांतानामो के पूर्व बंदी हैं और जिन्हें मुल्ला दादुल्ला की मौत के बाद से सबसे खतरनाक तालिबान कमांडर माना जाता है. वह पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख रखते हैं.

पाकिस्तान अफगान तालिबान पर आरोप लगाता रहा है कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) और बलूच आतंकवादी संगठनों सहित अन्य आतंकी ग्रुप को समर्थन देता है जो पाकिस्तान पर हमले करते हैं.

दूसरी ओर, हजारों अवैध और अफगान नागरिक कार्ड (एसीसी) धारकों को वापस भेजने के पाकिस्तान के एकतरफा फैसले को काबुल सहमत नहीं है.

तालिबान प्रशासन ने इस्लामाबाद से अपने फैसले की समीक्षा करने की बार-बार अपील की है. हालांकि पाकिस्तान अपने फैसले पर अड़ा है.

अफगानिस्तान के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी बुधवार बाद में इस्लामाबाद पहुंचेगा, जहां वह पाकिस्तान में अपने समकक्षों के साथ बातचीत करेगा. अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री नूर उद्दीन अजीजी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे.

विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल बातचीत की प्रक्रिया काफी अहम है. दोनों देशों के संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं. पाकिस्तान अफगान तालिबान पर देश में अशांति और रक्तपात फैलाने के लिए पाकिस्तान विरोधी आतंकवादी समूहों की मदद करने का आरोप लगाता रहा है और काबुल इससे इनकार करता रहा है. ऐसे में अगर इस वार्ता से कुछ सकारात्मक निकलता है तो दोनों मुल्कों के रिश्ते सुधार की तरफ बढ़ सकते हैं.

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