मोदी-फडणवीस सरकार ने जनता के साथ विश्वासघात किया : कांग्रेस

नागपुर, 16 अप्रैल . कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंडे और विधायक नितिन राऊत ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार पर जुबानी हमला बोला. दोनों नेताओं ने लाडली बहन योजना में की गई कटौती को ‘जनता के साथ धोखा’ करार दिया और साथ ही नेशनल हेराल्ड केस में गांधी परिवार पर ईडी की कार्रवाई को ‘डर और बौखलाहट’ का परिणाम बताया.

कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल लोंडे ने बुधवार को समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि लाडली बहन योजना को सिर्फ चुनावी जुमला बनाया गया. अब जब चुनाव खत्म हो गए, सरकार बन गई, तो ‘लाडली बहन’ और ‘लाडला भाऊ’ को भुला दिया गया. यह विश्वासघात है. उन्होंने आरोप लगाया कि पहले योजना के तहत महिलाओं को वोट के लिए पैसे बांटे गए और अब बजट में 10 हजार करोड़ रुपये की कटौती करके 40 लाख महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि अगर पहले यह योजना सही थी, तो अब उसमें कटौती क्यों की गई? इसका मतलब है कि सरकार ने वोट बटोरने के लिए घोखा किया है. समाज कल्याण विभाग के 6 हजार करोड़ रुपये को गैरकानूनी ढंग से दूसरी योजनाओं में ट्रांसफर कर दिया गया है. आने वाले समय में एससी, एसटी, ओबीसी के छात्रों की स्कॉलरशिप और शिक्षा पर भी असर पड़ेगा. ये सरकार धोखेबाज है, और बहुत बड़े-बड़े धोखे अभी बाकी हैं.

नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा दाखिल चार्जशीट में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नाम शामिल होने और रॉबर्ट वाड्रा से पूछताछ को लेकर भी उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना की. अतुल लोंडे ने कहा कि सरकार डर गई है. यह सरकार गांधी परिवार से डरी हुई है. इसलिए बेवजह की पूछताछ और चार्जशीट दाखिल की जा रही है. आज तक इस केस में कोई सबूत नहीं मिला है, सिर्फ प्रताड़ना के मकसद से यह कार्रवाई की जा रही है. जिस कंपनी पर केस है, वह न तो मुनाफा कमाती है, न किसी को सैलरी देती है, न उसे बेचा या खरीदा जा सकता है. यह एक प्रतीकात्मक संस्था है, जिसने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई है. इसको खत्म करने की कोशिश हो रही है.

कांग्रेस विधायक नितिन राऊत ने भी लाडली बहन योजना में की गई कटौती पर तल्ख टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह तो होना ही था. लाडली बहनें थोड़े से पैसे के लिए बहक गई थीं. ये लोग टुकड़े फेंकते हैं और हम उसे झेलते हैं. हमें इन पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये विश्वासपात्र लोग नहीं हैं. इन्होंने लाडली बहनों को नफरत भरी नजरों से देखा है. अब न लाडली बहन की बात है, न लाडला भाऊ की.

पीएसके/एएस