अमृतसर, 15 अप्रैल . पंजाब में नशे के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई जारी है. इस बीच, अमृतसर की सेंट्रल जेल में नशा तस्करी को रोकने के लिए अभियान चलाया गया. इस दौरान 75 मोबाइल बरामद किए गए.
पंजाब की स्पेशल डीजीपी शशी प्रभा द्विवेदी ने मंगलवार को से बात करते हुए बताया कि जेल में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. बीते डेढ़ महीने के दौरान जेल से 75 मोबाइल बरामद किए गए हैं. इससे पहले जब मैंने जेल का औचक निरीक्षण किया था, तो उस समय करीब 40 फोन बरामद किए गए थे. इसके अलावा, 37 सिम कार्ड भी बरामद किए गए हैं.
उन्होंने कहा, “जेल प्रशासन की तरफ से सख्ती ज्यादा है और इसी वजह से वह (कैदी) किसी भी सामान को कम मात्रा में बाहर से अंदर ला पा रहे हैं. मार्च के दौरान भी रिकवरी कम हुई थी. हमने यह अभियान नशा तस्करी को रोकने के लिए चलाया है और इसी दौरान ये बरामदगी की गई है.”
पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बीते 11 मार्च को बताया था कि सरकार ने 24 फरवरी से नशे के खिलाफ जंग शुरू की है, जिसका मकसद पंजाब से नशे को जड़ से खत्म करना है. इस मुहिम को बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है और इसके नतीजे भी सामने आ रहे हैं.
उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए बताया था कि अब तक (मार्च में) 1072 मामले दर्ज किए गए और 1,485 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस दौरान पुलिस ने 76 किलोग्राम हेरोइन, 950 क्विंटल भुक्की, 50 किलोग्राम अफीम और 50 लाख रुपये की नशीली दवाएं बरामद की थीं.
इस बीच, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने पंजाब में नशे के खिलाफ सीमावर्ती क्षेत्रों में पैदल मार्च किया था. उन्होंने कहा था कि पंजाब की पवित्र भूमि, जो वीरता, बलिदान और देश प्रेम के लिए मशहूर है, उसे नशे की गिरफ्त से बचाया जाएगा और बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा.
पंजाब सरकार इन दिनों नशे के खिलाफ युद्धस्तर पर मुहिम चला रही है. हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मोहाली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोगों से अपील की थी कि अगर कहीं पर कोई नशीला पदार्थ बेचता दिखे, तो फौरन उसकी जानकारी दें. उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और जानकारी देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी.
उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य सरकार ने पंजाब में नशे के खिलाफ एक युद्ध छेड़ा है. यह फैसला एक दिन में लिया जाने वाला फैसला नहीं है, इसे लेने में लंबा समय लगा है.
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