पटना, 15 अप्रैल . दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजद नेता तेजस्वी यादव की प्रस्तावित मुलाकात को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. इस बीच राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इस मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसमें कोई असामान्य बात नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मुलाकात महागठबंधन के सहयोगी दलों के बीच एक औपचारिक और सामान्य प्रक्रिया है, जो चुनावी वर्ष में होती रहती है.
तिवारी ने जोर देकर कहा कि इस मुलाकात से यह संदेश जाता है कि महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है और आगामी चुनाव में विजयी होने जा रहा है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि महागठबंधन में न तो किसी प्रकार का भ्रम है और न ही सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा स्पष्ट है और वह तेजस्वी यादव ही हैं. बिहार की 14 करोड़ जनता पहले ही तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री मान चुकी है.
तिवारी ने कहा कि तेजस्वी यादव में जनता को अपना भविष्य, उम्मीद और विकास की संभावनाएं दिखाई दे रही हैं. राजद प्रवक्ता ने एनडीए पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें पहले अपने गठबंधन की चिंता करनी चाहिए. एनडीए में तो कई नेता मुख्यमंत्री बनने के दावेदार बन चुके हैं और पार्टी में अंदरूनी घमासान शुरू हो चुका है.
उन्होंने हरियाणा का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भाजपा का “सीक्रेट प्लान” खुद उनके ही नेताओं ने सार्वजनिक कर दिया, लेकिन फिर भी भाजपा नेतृत्व मौन है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब भाजपा कहती है कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, तो मुख्यमंत्री कौन होगा, यह क्यों स्पष्ट नहीं किया जाता? बिहार में भी वही होगा जो महाराष्ट्र में शिंदे के साथ हुआ. भाजपा के पास अब कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं बचा है और गठबंधन में गहरी खींचतान है. इसके विपरीत, महागठबंधन न सिर्फ रणनीतिक रूप से एकजुट है, बल्कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पूरी तरह से संगठित और मजबूत है. यहां सिर्फ हाथ और गले नहीं, बल्कि दिल भी एक हैं.
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पीएसएम/एएस