चीनी और इंडोनेशियाई राष्ट्रपति ने एक-दूसरे को बधाई संदेश भेजे

बीजिंग, 13 अप्रैल . चानी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियेन्तो ने 13 अप्रैल को एक-दूसरे को संदेश भेजकर दोनों देशों के बीच राजनयिक सम्बंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ की बधाई दी.

शी जिनपिंग ने अपने बधाई संदेश में कहा कि चीन और इंडोनेशिया के बीच राजनयिक संबंध स्थापना के बाद से पिछले 75 वर्षों में दोनों पक्ष हर अच्छे-बुरे समय में एक साथ खड़े रहे हैं और ईमानदारी से सहयोग करते रहे हैं, द्विपक्षीय संबंधों में पर्याप्त प्रगति हुई है और चीन-इंडोनेशिया मैत्री लोगों के दिलों में जड़ जमा चुकी है.

शी ने कहा कि पिछले वर्ष मैंने राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियेन्तो से दो बार मुलाकात की और हम एक-दूसरे के राष्ट्रीय विकास दृष्टिकोण का दृढ़ता से समर्थन करने, आधुनिकीकरण के अपने-अपने रास्ते पर आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करने, क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव वाले साझे भाग्य वाले चीन-इंडोनेशिया समुदाय का निर्माण करने और द्विपक्षीय सम्बंधों को एक नए स्तर पर ले जाने पर सहमत हुए.

शी जिनपिंग ने जोर देकर कहा कि चीन और इंडोनेशिया दोनों प्रमुख विकासशील देश और “ग्लोबल साउथ” में महत्वपूर्ण ताकतें हैं, और दोनों पक्षों के बीच सहयोग का रणनीतिक महत्व और वैश्विक प्रभाव है.

शी ने कहा कि मैं चीन-इंडोनेशिया संबंधों के विकास को बहुत महत्व देता हूं और दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने के अवसर पर दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक सहयोग को और गहरा करने तथा बहुपक्षीय रणनीतिक समन्वय को मजबूत करने के लिए राष्ट्रपति प्रबोवो के साथ काम करने को तैयार हूं.

वहीं, अपने बधाई संदेश में प्रबोवो ने कहा कि इंडोनेशिया और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर, मैं इंडोनेशिया सरकार और इंडोनेशियाई लोगों की ओर से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और चीनी लोगों को अपनी हार्दिक बधाई देना चाहता हूं. इंडोनेशिया और चीन के बीच दीर्घकालिक मित्रता तथा मजबूत एवं जीवंत साझेदारी है.

उन्होंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, समुद्री और सुरक्षा क्षेत्रों में सहयोग तेजी से आगे बढ़ रहा है. मुझे पूरी उम्मीद है कि हम अपने दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करना जारी रख सकेंगे, अपने दोनों देशों के लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को मजबूत कर सकेंगे, और विश्व शांति और स्थिरता में सकारात्मक योगदान दे सकेंगे.

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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