कोलकाता, 13 अप्रैल . पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित कई हिस्सों में वक्फ अधिनियम के विरोध में सड़कों पर जमकर हंगामा काटा गया. शनिवार को मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध देखने को मिला. हिंसा के एक पीड़ित ने न्यूज एजेंसी से घटना के बारे में बात की.
मुर्शिदाबाद हिंसा के एक पीड़ित ने बताया, “मेरे घर के पास ही मेरा दुकानें हैं. प्रदर्शन के दौरान मेरी दुकान पर हमला हुआ. जब हमला शुरू हुआ तो मैंने थाने में कॉल किया, लेकिन पुलिस नहीं आई. आधे घंटे बार फिर हमला हुआ और दोबारा मैंने कॉल किया. इसी तरह दो-तीन घंटे तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.”
उन्होंने कहा, “हमले में मेरी दुकान का शटर टूट गया. दुकान में कम से कम 50 लाख से अधिक का सामान था. सारे सामान गायब हो गए. इसके बाद घर का भी दरवाजा तोड़ दिया गया और सामान लूट लिया गया. चार घंटे तक लगातार उपद्रव चला, उस दौरान प्रशासन का कोई पता नहीं चला.”
पीड़ित ने बताया, “हमला करने वाले मुस्लिम लोग थे, जिन्होंने चुन-चुन कर हिंदुओं के दुकानों में तोड़फोड़ की है. अगल-बगल मुस्लिमों के दुकान पर कोई आंच नहीं आई०, सिर्फ हिंदुओं को ही निशाना बनाया गया.”
दरअसल, वक्फ संशोधन कानून के लागू हो जाने के बाद भी देश में इसके विरोध को लेकर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. वक्फ संशोधन कानून का तमाम विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. इस कानून के खिलाफ और इसके पक्ष में कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में भी डाली गई हैं. इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद समेत कई जिलों में हिंसात्मक विरोध देखने को मिला. भाजपा टीएमसी सरकार को हिंसा की जिम्मेदार ठहरा रही है.
इससे पहले शनिवार सीएम ममता बनर्जी ने एक एक्स पोस्ट के जरिए राज्यवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की थी. उन्होंने कहा था,”याद रखिए, हमने वह कानून नहीं बनाया है, जिसे लेकर बहुत से लोग नाराज हैं. यह कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया है. इसलिए जवाब केंद्र सरकार से मांगा जाना चाहिए. हमने इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है – हम इस कानून का समर्थन नहीं करते हैं. यह कानून हमारे राज्य में लागू नहीं किया जाएगा, तो फिर दंगा किस बात पर है?”
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एससीएच/