नई दिल्ली, 13 अप्रैल . टीएमसी सांसद बापी हलदर के विवादित बयान ‘वक्फ प्रॉपर्टी पर डाली नजर तो आंखें निकाल लेंगे’ पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि टीएमसी सांसद को ऐसे बयानों से बचना चाहिए.
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने बापी हलदर के विवादित बयान पर से बातचीत में कहा, “इस तरह के विवादित बयान नहीं देने चाहिए. वह कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं. अगर वह ऐसा करेंगे तो उनमें और भाजपा समर्थित लोगों में क्या फर्क रह जाएगा. मैं पूछना चाहता हूं कि यह हिंसा क्यों हो रही है, जिसे नहीं होना चाहिए था. मुझे लगता है कि इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है. फिर भी, मुझे लगता है कि इस कानून पर रिएक्शन नहीं होना चाहिए और भारत सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए.”
राशिद अल्वी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा के लिए तीन तलाक और यूसीसी एक बड़ा मुद्दा है. मगर, महंगाई, युवाओं की बेरोजगारी और पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से उनका कोई वास्ता नहीं है. उनकी राजनीति यह है कि मुसलमानों के खिलाफ अपने वोट बैंक को संदेश पहुंचाएं और उसे मजबूत करने का काम करें. मुझे लगता है कि तुष्टिकरण की इससे बड़ी परिभाषा कोई और नहीं हो सकती है.”
उन्होंने आगे कहा, “पूरे देश में जितनी भी वक्फ कमेटी हैं, उसे सरकार बनाती है. अगर किसी ने नाजायज कब्जा कर रखा है तो वह वक्फ कमेटी की मर्जी के बिना नहीं हो सकता है. उस कमेटी को सरकार ने चुना है. अगर सरकार चाहेगी तो एक मिनट के अंदर इस तरह के अवैध कब्जे को हटा सकती है. इस कानून की कोई जरूरत नहीं है. उनका (सरकार) वक्फ से क्या वास्ता है? प्रॉपर्टी हमारी और वक्फ भी हमारा है, तो वह इसमें आने वाले कौन हैं. अचानक से वह मुस्लिमों के हितैषी बन गए और नाजायज कानून बना दिया. भाजपा सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ काम करती है और पिछले 11 सालों में उन्होंने ऐसा साबित किया है.”
उन्होंने मुर्शिदाबाद हिंसा को गलत बताया. कांग्रेस नेता ने कहा, “मुर्शिदाबाद में जो भी हो रहा है, वह सही नहीं है. लोकतंत्र के अंदर कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है. मगर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहा करते थे कि एक्शन का रिएक्शन होता है. भाजपा को यह बात समझनी चाहिए. मैं पूछना चाहता हूं कि वह वक्फ कानून को वापस क्यों नहीं लेते हैं. प्रधानमंत्री नारा देते हैं कि ‘सबका साथ, सबका विश्वास’, अगर उन्हें सबको विश्वास में लेना है तो मुस्लिमों का विश्वास भी हासिल करें और इस कानून को वापस लें. दो साल तक किसान सड़कों पर बैठा रहा और करीब 500 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई, तब जाकर उन्होंने काले कानूनों को वापस लिया. उन्होंने लगातार ये कहा था कि किसानों के हित में कानून हैं और यही काम वक्फ के मामले में भी दोहराया जा रहा है. वह मुसलमानों के खिलाफ काम कर रहे हैं, इसलिए इस कानून को वापस लेना चाहिए.”
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एफएम/केआर