सरकार और कारोबार में बड़े पैमाने पर एआई को लागू करने के लिए यह सही समय: आईटी सचिव

नई दिल्ली, 13 अप्रैल . भारत में सरकार और कारोबार में बड़े पैमाने पर एआई को लागू करने के लिए यह सही समय है. देश न सिर्फ ग्लोबल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मूवमेंट में भाग लेगा, बल्कि उसका नेतृत्व भी करना चाहता है. इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय में सचिव, एस कृष्णन ने यह बयान दिया.

राष्ट्रीय राजधानी में ग्लोबल टेक्नोलॉजी समिट के अवसर पर से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत के लिए यह समय सरकार और कारोबार में बड़े पैमाने पर एआई को लागू करने का है.

कृष्णन ने से कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं कि नवीनतम तकनीक से अपडेट रहें और कहीं भी पीछे न रहे. भारत तकनीक के क्षेत्र में सबसे आगे रहना चाहिए.”

एआई को भारत के लिए अगला बड़ा अवसर बताते हुए, आईटी सचिव ने इसके प्रभाव की तुलना “वाई2के मूमेंट” से की, जिसने देश के आईटी क्षेत्र को बदल दिया.

कृष्णन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत इनोवेशन, समावेशिता और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देकर एआई के भविष्य को आकार दे रहा है.

उन्होंने आगे कहा, “हमारा ध्यान कंप्यूट, आधारभूत मॉडल, कौशल विकास और एक ऐसा एआई इकोसिस्टम बनाने पर है जो लोकतांत्रिक होने के साथ समावेशी हो.”

कृष्णन ने से कहा, “नियमन का उद्देश्य अवसरों को बाधित करना नहीं होना चाहिए. इसका उद्देश्य एआई की सार्थक, सुरक्षित और व्यापक तैनाती को सक्षम बनाना होना चाहिए.”

भारत के मंगल ऑर्बिटर मिशन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत एआई में “मंगलयान” जैसी सफलता की तलाश कर रहा है.

उन्होंने कहा कि अगर एआई को भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) की तरह विकसित किया जाए तो यह सभी क्षेत्रों में व्यापक प्रभाव वाला राष्ट्रीय संसाधन बन सकता है.

सिविल सोसाइटी और थिंक टैंक की भूमिका पर एक सवाल का जवाब देते हुए कृष्णन ने कहा कि सरकार एआई में बहु-हितधारक दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा, “हम सिविल सोसाइटी, शिक्षाविदों और अन्य लोगों के लिए बातचीत का हिस्सा बनने के लिए जगह बनाना चाहते हैं. वास्तव में, कभी-कभी मुझे लगता है कि हम काम करने की तुलना में परामर्श करने में अधिक समय खर्च कर रहे हैं.”

एबीएस/