मुंबई, 11 अप्रैल . सोशल मीडिया में गिबली फोटो का ट्रेंड चल रहा है. किसी मूल तस्वीर को कार्टून में बदलकर लोग सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. हालांकि यह जितना मनोरंजक दिख रहा है, एक्सपर्ट बताते हैं कि इससे उतना ही खतरा भी है. महाराष्ट्र साइबर के विशेष पुलिस महानिरीक्षक यशस्वी यादव ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके लोगों को इससे होने वाले खतरों के बारे में चेताया. उन्होंने गिबली फोटो की रिवर्स इंजीनियरिंग से होने वाले खतरे के बारे में बताया.
महाराष्ट्र साइबर के विशेष पुलिस महानिरीक्षक यशस्वी यादव ने कहा, “गिबली आर्ट आज एक ट्रेंड बन गया है. ऐसे ट्रेंड मार्केटिंग टेक्निक्स के तहत बनाए जाते हैं, जिससे विदेश में बैठे बहुत सारे सर्वर हमारा डाटा चुरा सकें.”
उन्होंने बताया, “रिवर्स फोटो इंजीनियरिंग भी एक खतरा है. इसका मतलब है कि अगर कोई गिबली फोटो पोस्ट करता है तो रिवर्स इंजीनियरिंग के माध्यम से इसे वास्तविक फोटो में भी बदला जा सकता है. अवैध रूप से इस फोटो का इस्तेमाल पासपोर्ट के रूप में किया जा सकता है. लोगों को जागरूक होना चाहिए, अचानक किसी ट्रेंड को फॉलो नहीं करना चाहिए. अपने डेटा की सुरक्षा करनी चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीयसुरक्षा से भी जुड़ा है.”
उन्होंने बताया, “अगर कोई सेल्फी लेकर उस फोटो को गिबली स्टाइल में बदलना चाह रहा है, ऐसे में उसका चेहरा, जो कई डिवाइस का पासवर्ड है, वह विदेशी सर्वर में जाकर स्टोर हो जाता है. इसका दुरुपयोग कभी भी किया जा सकता है. गिबली जैसे कई सारे आर्ट फॉर्म लोगों की फोटो गैलरी कीअनुमति ले लेते हैं. इसके बाद सभी निजी फोटो उनके सर्वर में जा सकती हैं और इसका दुरुपयोग कभी भी हो सकता है. कई डीपफेक वीडियो बन सकते हैं. लोगों को ऐसे सॉफ्टवेयर का उपयोग बहुत ही सावधानी के साथ करना चाहिए.”
उल्लेखनीय है कि कई राज्यों के साइबर क्राइम विंग ने लोगों को गिबली फोटो ट्रेंड अपनाने को लेकर आगाह किया है. हाल ही में तमिलनाडु साइबर क्राइम विंग ने एक सार्वजनिक सलाह जारी की थी. इसमें नागरिकों को एआई-जनरेटेड गिबली-शैली की कला के बढ़ते दुरुपयोग के बारे में चेतावनी दी गई है, जो हाल ही में साइबर अपराधियों के लिए एक उपकरण बन गई है.
–
एससीएच/एकेजे