गाजियाबाद,11 अप्रैल . टीबी एक ऐसी बीमारी है अगर सही समय पर मरीज को उपचार न मिले तो यह मरीज के लिए घातक साबित हो सकती है. कई मामलों में टीबी का उपचार नहीं मिलने से मरीजों की मौत भी हो जाती है. हालांकि, टीबी जैसी घातक बीमारी से निदान दिलाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार प्रयासरत है. केंद्र सरकार टीबी को समाप्त करने के लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है. पीएम मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है.
इस कड़ी में यूपी के गाजियाबाद में टीबी के मरीजों को खोजने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रदेश का पहला जिला गाजियाबाद बन जाएगा, जहां टीबी को खोजने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. डिजिटल एक्स-रे मशीन में एआई सॉफ्टवेयर को इंस्टॉल कराया जाएगा, ताकि मरीज में टीबी के लक्षण मिलते ही मशीन खुद ही उसे चिह्नित कर दे. गाजियाबाद जिला टीबी अधिकारी डॉ. अनिल कुमार यादव ने बताया कि दो केंद्रों में एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसकी इजाजत मिल गई है.
उन्होंने कहा कि इस तकनीक से सिर्फ डॉक्टरों को ही नहीं, बल्कि मरीजों को भी लाभ होगा. डॉक्टरों को मरीजों की रियल टाइम की रिपोर्टिंग मिल जाएगी. उन्होंने बताया कि गत वर्ष 21 हजार टीबी के मरीज सामने आए थे. जिनका इलाज शुरू किया गया. 31 दिसंबर 2024 से 31 मार्च 2025 तक हमने एक कैंपेन चलाया है. इस कैंपेन के तहत 6500 मरीज टीबी के निकले. इसके बाद उनका इलाज शुरू किया गया.
उन्होंने बताया कि इस दौरान हमारे सामने सबसे बड़ी दिक्कत मरीजों की एक्सरे रिपोर्ट का इंतजार था. इससे दवा शुरू करने में समय लगता था. लेकिन, एआई तकनीक से मरीज के रियल टाइम एक्सरे के परिणाम अपडेट हो जाएंगे. इससे मरीजों को समय पर दवा मिलेगी.
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डीकेएम/