तहव्वुर राणा के भारत आने से कई लोगों के चेहरे होंगे बेनकाब : भाजपा सांसद बृजलाल

लखनऊ, 10 अप्रैल . मुंबई के 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने पर भाजपा के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल ने इस मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलता बताई है. उन्होंने कहा कि राणा से पूछताछ में स्थानीय स्तर पर उसे मदद करने वाले कई लोगों के नाम सामने आएंगे.

भाजपा नेता बृजलाल ने कहा, “तहव्वुर राणा को भारत लाना देश की बहुत बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि है. सभी जानते हैं कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान आर्मी का डॉक्टर था, जो कनाडा गया और वहां की नागरिकता ली. मुंबई में 2008 में जो 26/11 का आतंकी हमला हुआ था, उसमें 170 लोग मारे गए थे, जिनमें दो आईपीएस अधिकारी भी थे. लश्कर-ए-तैयबा का यह ऑपरेशन था. इसमें तहव्वुर राणा ने साजिश रची थी. उन लोगों ने मुंबई आकर रेकी की और योजना बनाकर हमला किया.”

बृजलाल ने कहा, “आज तहव्वुर राणा भारत आया है तो तमाम कड़ियां खुलेंगी. उसे स्थानीय स्तर पर किसका समर्थन प्राप्त था, यह भी पता चलेगा. राणा के भारत आने से बहुत लोगों के चेहरे बेनकाब होंगे.”

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बृजलाल ने कहा, “कांग्रेस ने 26/11 आतंकी हमले का नैरेटिव ही बदल दिया था. उन्होंने कहा था कि 26/11 आतंकी हमला पाकिस्तान का नहीं, बल्कि आरएसएस की साजिश है. उन लोगों ने सहारा के संपादक अजीज बर्नी से एक किताब लिखवाई थी – 26/11 आरएसएस की साजिश.”

उन्होंने दावा किया कि यदि मुंबई पुलिस ने उत्तर प्रदेश पुलिस की जानकारी पर भरोसा किया होता तो 26/11 के हमले से बचा जा सकता था. उन्होंने कहा, “मैंने 2 फरवरी 2008 को दो आतंकवादी पकड़े थे, जिनमें एक शबाउद्दीन था, जो लश्कर-ए-तैयबा का इंडिया कमांडर था और काठमांडू से ऑपरेट करता था. दूसरा फहीम अंसारी था जिसने 31 दिसंबर 2007 की रात में सीआरपी ग्रुप सेंटर, रामपुर पर हमला किया था. उस घटना में सात जवान मारे गए थे. हमने जांच की. अगर मुंबई पुलिस ने यूपी पुलिस के इनपुट को मान लिया होता तो 26/11 आतंकी हमले से बचा जा सकता था.”

एससीएच/एकेजे