इस्लामाबाद, 10 अप्रैल . पाकिस्तान ने 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के भारत प्रत्यर्पण पर गुरुवार को पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त की. लंबी कानूनी और कूटनीतिक कोशिशों के बाद राणा को भारत लाया जा सका है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने भारत पर हुए सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक के मुख्य आरोपी से खुद को अलग कर लिया और उसकी कनाडाई नागरिकता का हवाला दिया.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है. उसकी कनाडाई राष्ट्रीयता बिल्कुल स्पष्ट है.”
एक्सपर्ट्स का मानना है कि तहव्वुर राणा के पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से संबंध तब स्पष्ट हो सकते हैं जब वह भारत में कानून के सामने आएगा. इस्लामाबाद को डर है कि राणा मुंबई में 26/11 के हमलों की साजिश में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में खुलासा कर सकता है.
1961 में पाकिस्तान में जन्मा राणा, पाकिस्तानी सेना में एक डाक्टर के तौर पर काम कर चुका है. बाद में वह कनाडा चला गया और इमिग्रेशन सर्विस बिजनेसमैन बन गया.
राणा 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है.
हेडली और राणा दोनों को अक्टूबर 2009 में शिकागो में गिरफ्तार किया गया था, जब वे कथित तौर पर डेनमार्क के एक प्रकाशन के खिलाफ एक मिशन को अंजाम देने जा रहे थे, जिसने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापा था.
अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने भारत में प्रत्यपर्ण पर रोक लगाने के उसके आवेदन को खारिज कर दिया था जिसके बाद उसे लाने का रास्ता साफ हो गया.
26 नवंबर 2008 की रात को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों पर एक साथ हमला किया था. 26/11 हमले में 164 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा घायल हुए. आतंकवादियों ने भारतीयों और अन्य देशों के नागरिकों की हत्या की.
नौ आतंकवादियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया जबकि एक अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया जिसे बाद में फांसी की सजा हुई.
–
एमके/