नई दिल्ली, 8 अप्रैल . ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख और प्रतिष्ठित आध्यात्मिक साधिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. दादी रतन मोहिनी ने 101 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली.
राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”दादी रतन मोहिनी जी के निधन के बारे में जानकर मुझे बहुत दुख हुआ है. वे ब्रह्माकुमारी संस्था का एक प्रकाश-स्तंभ थीं. इस संस्थान ने मेरी जीवन यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. दादी रतन मोहिनी जी ने अपनी शिक्षाओं और कार्यों से अनगिनत लोगों की सोच और जीवन को संवारा. सेवा, सद्भाव, शांति और परोपकार के संदेश का प्रसार उन्होंने आजीवन किया. उनकी शिक्षाएं लोगों को अध्यात्म के मार्ग पर चलने और जनकल्याण कार्यों के लिए प्रेरित करती रहेंगी. मैं पूरे विश्व में विद्यमान ब्रह्माकुमारी परिवार के सभी सदस्यों एवं इस संस्था के शुभचिंतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करती हूं.”
पीएम मोदी ने दादी रतन मोहिनी के निधन पर कहा कि उन्हें प्रकाश, ज्ञान और करुणा की प्रतिमूर्ति के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने ब्रह्माकुमारी के वैश्विक आंदोलन के उनके उत्कृष्ट नेतृत्व की भी प्रशंसा की.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, “दादी रतन मोहिनी जी की आध्यात्मिक उपस्थिति बहुत ही शानदार थी. उन्हें प्रकाश, ज्ञान और करुणा की प्रतिमूर्ति के रूप में याद किया जाएगा. उनकी जीवन यात्रा, गहरी आस्था, सादगी और सेवा के प्रति अडिग प्रतिबद्धता में निहित है, जो आने वाले समय में कई लोगों को प्रेरित करेगी. उन्होंने ब्रह्माकुमारी के वैश्विक आंदोलन को उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान किया.”
उन्होंने आगे लिखा, ”उनकी विनम्रता, धैर्य, विचारों की स्पष्टता और दयालुता हमेशा सबसे अलग रही. वह उन सभी लोगों के लिए मार्ग प्रशस्त करती रहेंगी, जो शांति चाहते हैं और हमारे समाज को बेहतर बनाना चाहते हैं. मैं उनके साथ अपनी बातचीत को कभी नहीं भूलूंगा. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके प्रशंसकों और ब्रह्माकुमारी के वैश्विक आंदोलन के साथ हैं. ओम शांति.”
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी दादी रतन मोहिनी के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की प्रमुख राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी जी के देहावसान का दुःखद समाचार स्तब्ध कर देने वाला है. उनका जीवन आध्यात्मिक प्रकाश का स्रोत था, जो अनगिनत आत्माओं को सत्य, शांति और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहा. उनका देवलोकगमन न केवल ब्रह्माकुमारी परिवार, बल्कि समूचे आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है.”
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एसके/एबीएम