अमृतसर, 8 अप्रैल . पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को श्री हरमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के दर्शन किए और पालकी साहिब समारोह में हिस्सा लिया.
इस दौरान उन्होंने भक्ति और श्रद्धा के अनूठे संगम को अनुभव किया. राज्यपाल ने भोर में आयोजित पालकी साहिब के दर्शन किए और इस पवित्र समारोह में सक्रिय रूप से भाग लिया. उन्होंने पालकी साहिब को कंधा दिया और उसे अपने अपने जीवन का एक यादगार पल बताया.
राज्यपाल कटारिया ने कहा, “मैंने पालकी साहिब को अपना कंधा दिया और मैं खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं. यह मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है.”
उन्होंने बताया कि उन्हें गुरु नानक देव विश्वविद्यालय (जीएनडीयू) के कुलपति से पालकी साहिब के महत्व के बारे में जानकारी मिली थी, जिसके बाद उनकी यहां आने की इच्छा और प्रबल हो गई. उन्होंने कहा, “मैं गुरु साहिब के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेना चाहता था, और आज यह इच्छा पूरी हुई.”
इस दौरान राज्यपाल कटारिया ने पुष्प वर्षा और भक्तों की गहरी आस्था को देखा, जिसने उनके मन पर गहरी छाप छोड़ी. उन्होंने कहा, “पुष्प वर्षा देखी, भक्तों की आस्था देखी और उनके हृदय से निकलने वाला सम्मान देखा. यह सब देखकर मन श्रद्धा से भर गया.”
उन्होंने इस अवसर पर नशे के खिलाफ अपनी मुहिम का भी जिक्र किया और कहा कि इस जंग में गुरु साहिब का आशीर्वाद उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, “नशे के खिलाफ जो जंग हमने शुरू की है, उसमें गुरु साहिब का आशीर्वाद हमें ताकत देगा.”
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के पदाधिकारियों ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया का स्वागत किया और उनका अभिनंदन किया. इस मौके पर कमेटी के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सम्मान स्वरूप स्मृति चिन्ह भी भेंट किया. राज्यपाल ने कमेटी के प्रयासों की सराहना की और कहा कि स्वर्ण मंदिर की पवित्रता और यहां की व्यवस्था हर किसी के लिए प्रेरणादायक है.
इस दौरे के दौरान राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने स्वर्ण मंदिर के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह स्थान न केवल सिख समुदाय के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए शांति और एकता का प्रतीक है. अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने भक्तों से नशे के खिलाफ एकजुट होने और समाज को बेहतर बनाने में योगदान देने की अपील भी की.
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एकेएस/एएस