मुंबई, 7 अप्रैल . विदेशी निवेशकों का भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर पर लगातार भरोसा बना हुआ है और वित्त वर्ष 25 में करीब 3.1 अरब डॉलर निवेश किए गए हैं, यह आंकड़ा वित्त वर्ष 24 में 2.6 अरब डॉलर था. सोमवार को जारी हुई रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
विदेशी निवेश बढ़ने के साथ भारतीय रियल एस्टेट में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी में भी इजाफा हुआ है.
वित्त वर्ष 25 में रियल एस्टेट सेक्टर में हुए कुल निवेश में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 84 प्रतिशत थी, जो कि वित्त वर्ष 24 में 68 प्रतिशत थी.
एनारॉक कैपिटल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि वैश्विक अस्थिरता के बावजूद भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में वैश्विक निवेशकों की रुचि को दर्शाती है.
पिछले वित्त वर्ष में भारत में लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग सेगमेंट ने सबसे अधिक निवेश आकर्षित किया और इस सेगमेंट में कुल प्राइवेट इक्विटी (पीई) निवेश में हिस्सेदारी 48 प्रतिशत थी.
भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहे निवेश परिदृश्य में आगे बढ़ रहा है. हालांकि, वित्त वर्ष 2025 में कुल निजी इक्विटी (पीई) निवेश में नरमी देखी गई है.
औसत डील साइज वित्त वर्ष 2025 में बढ़कर 94 मिलियन डॉलर हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 में 75 मिलियन डॉलर था.
बड़े लेन-देन की संख्या में इजाफा देखा गया है. वित्त वर्ष 25 में, शीर्ष 10 सौदों की कुल पीई इन्वेस्टमेंट वैल्यू में 81 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जो वित्त वर्ष 24 में 69 प्रतिशत थी.
एनारॉक कैपिटल के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और निवेश सलाहकार आशीष अग्रवाल ने कहा कि औसत सौदे का आकार 75 मिलियन डॉलर से बढ़कर 94 मिलियन डॉलर हो गया है, जो पूंजी के अधिक केंद्रित और रणनीतिक उपयोग को दर्शाता है.
अग्रवाल ने कहा, “पूरे भारत में मल्टी-सिटी लेन-देन में इजाफा हो रहा है. यह वित्त वर्ष 19 में 14 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 25 में 52 प्रतिशत हो गया है.”
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि क्वालिटी एसेट्स के आसपास कैपिटल कंसोलिडेशन और वैश्विक निवेशकों के दोबारा से जुड़ने से भारतीय रियल एस्टेट रणनीतिक विकास के एक नए अध्याय के लिए तैयार है.
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एबीएस/