भोपाल/दमोह, 7 अप्रैल . मध्य प्रदेश के दमोह में फर्जी चिकित्सक द्वारा हृदय रोगियों के किए गए ऑपरेशन के बाद सात लोगों की हुई मौत के मामले की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का दल पहुंच गया है. यह दल मिशन अस्पताल के अलावा चिकित्सक से संबंधित दस्तावेज खंगाल रहा है और पीड़ित परिवारों के सदस्यों से बातचीत करेगा.
बीते दिनों दमोह में संचालित मिशन अस्पताल में दो माह की अवधि के दौरान सात हृदय रोगियों की मौत का मामला सामने आया था. इस मामले में रविवार की देर रात चिकित्सक की डिग्री फर्जी होने को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया. वहीं, सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम जांच के लिए पहुंची.
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के दल के आने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह दल इस पूरे घटनाक्रम की गहन छानबीन करेगा और विभिन्न पक्षों से बातचीत भी करेगा.
पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि चिकित्सक नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. यह मामला उनकी डिग्री फर्जी होने को लेकर दर्ज हुआ है, जहां तक बात उनकी गिरफ्तारी की है तो उस दिशा में पुलिस आगे कार्रवाई कर रही है.
दमोह के मिशन अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ के तौर पर नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम ने रोगियों के ऑपरेशन किए. इनमें से सात की मौत होने का दावा किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से कठोर कार्रवाई की जा रही है. जो भी गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं, सरकार उस पर त्वरित कार्रवाई कर रही है और हमारी सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में पीछे नहीं रहेगी. यही कारण है कि सरकार की अपनी साख बनी है और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि अगर ऐसे कोई भी मामले हों तो उन पर कार्रवाई करें.
दमोह में मिशनरी द्वारा संचालित मिशन अस्पताल में बीते दो माह में एक चिकित्सक ने विदेशी विशेषज्ञ चिकित्सक के नाम पर हृदय रोगियों के ऑपरेशन किए. इस मामले में शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की गई है. शिकायत में कहा गया है कि एक हृदय रोग विशेषज्ञ बनकर आए फर्जी व्यक्ति ने ऑपरेशन किए और उसके बाद सात लोगों की मौत हुई है. यह शिकायत लगभग दो माह पहले जिला प्रशासन से की गई थी.
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एसएनपी/एबीएम