भारत हाइपरस्केलर्स के लिए बन रहा हॉटस्पॉट, डेटा सेंटर्स की बढ़ेगी मांग

मुंबई, 26 मार्च . भारत हाइपरस्केलर्स के लिए बड़े हॉटस्पॉट के रूप में उभर रहा है. हैदराबाद और मुंबई जैसे शहरों में जमीनों का अधिग्रहण डेटा सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़त को सपोर्ट कर रहा है. यह जानकारी एनारॉक कैपिटल की देवी शंकर ने को बुधवार को दी.

उन्होंने कहा कि बीते कुछ वर्षों में करीब 440 एकड़ जमीन का हाइपरस्केलर्स डेवलपमेंट के लिए अधिग्रहण किया गया है. वैश्विक क्लाउड प्रोवाइडर्स होने के नाते घरेलू कंपनियां उच्च क्षमता वाली सुविधाएं स्थापित कर रही हैं.

देश में डेटा सेंटर इंडस्ट्री में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है. बीते एक दशक में 6.5 अरब डॉलर का निवेश आया है. अब इसकी वैल्यू करीब 10 अरब डॉलर हो गई है और इंडस्ट्री की आय 2024 में 1.2 अरब डॉलर रही है.

इस बढ़त की वजह इंटरनेट की पहुंच में वृद्धि, डेटा खपत का बढ़ना और प्रति स्मार्टफोन मोबाइल डेटा के उपयोग में वृद्धि होना है.

2019 से 2024 के बीच भारत की डेटा सेंटर क्षमता 590 मेगावाट से बढ़कर 1.4 गीगावाट हो गई है. यह इंडस्ट्री की बढ़ी हुई क्षमता को दिखाता है.

एनारॉक कैपिटल में कैपिटल मार्केट्स की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शंकर ने कहा, “बीते सात वर्षों में विभिन्न नीतिगत उपायों ने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश को प्रोत्साहित किया है, जिससे भारत डेटा सेंटर विस्तार के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन गया है.”

उन्होंने कहा कि देश अब प्रति स्मार्टफोन औसत मोबाइल डेटा ट्रैफिक में विश्व स्तर पर अग्रणी है और इससे उच्च श्रेणी के डेटा सेंटर्स की मांग में मजबूत वृद्धि हुई है.

शंकर ने कहा कि देश का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन भविष्य में पैदा होने वाली डेटा सेंटर की मांग का एक सूचकांक है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने की दर में बढ़ोतरी ने डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग पावर की मांग को बढ़ा दिया है.

शंकर ने कहा कि वैश्विक कंपनियों द्वारा भारत के डेटा सेंटर इकोसिस्टम में निवेश किया जा रहा है. घरेलू ऑपरेटर्स भी प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए सस्टेनेबिलिटी और एनर्जी दक्षता पर फोकस कर रहे हैं.

एबीएस/एबीएम