सोल, 26 मार्च . दक्षिण कोरियाई अपील अदालत ने बुधवार को विपक्षी नेता ली जे-म्यांग को झूठ बोलने के आरोप से बरी कर दिया. कोर्ट ने निचली अदालत के निलंबित कारावास की सजा को पलट दिया.
ली पर 2022 के चुनाव के दौरान राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में झूठ बोलने का आरोप था.
सोल हाई कोर्ट के इस फैसले से ली के लिए एक बड़ी कानूनी बाधा दूर हो गई. क्योंकि यदि उन्हें निलंबित कारावास की सजा सुनाई जाती तो उनकी संसदीय सीट छिन जाती और वे अगले राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं ले पाते. अपीलीय निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय अभी भी पलट सकता है.
ली ने कहा, “मैं सत्य और न्याय के आधार पर उचित निर्णय देने के लिए न्यायालय का धन्यवाद करता हूं “मुझे उम्मीद है कि अभियोजन पक्ष अब अपने कार्यों पर विचार करेगा और राष्ट्रीय ऊर्जा को और अधिक बर्बाद करने से बचेगा.”
मुख्य विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे आगे माना जा रहा है. इसका महत्व तब और बढ़ जाएगा अगर संवैधानिक न्यायालय निलंबित दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक योल के महाभियोग को बरकरार रखे. ऐसा हुआ तो 60 दिनों के भीतर राष्ट्रपति चुनाव की स्थिति बन जाएगी. जल्द ही महाभियोग मामले में फैसला आने की उम्मीद है.
शुरुआती जांच में, विपक्षी नेता को दिसंबर 2021 में एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान झूठ बोलने का दोषी पाया गया था कि उन्होंने दिवंगत किम मून-की के साथ गोल्फ नहीं खेला था.
मून-की सेओंगनाम डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के पूर्व एग्जीक्यूटिव थे जो सोल के दक्षिण में सेओंगनाम में एक भष्ट्र डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के पीछे थे. उस समय ली शहर के मेयर थे.
नवंबर में, निचली अदालत ने ली को सार्वजनिक आधिकारिक चुनाव अधिनियम के उल्लंघन में झूठे बयान देने के लिए एक साल की जेल की सजा सुनाई, जिसे दो साल के लिए निलंबित कर दिया गया. हालांकि, उस फैसले को पलटते हुए सोल उच्च न्यायालय ने कहा कि अभियान के दौरान ली द्वारा कथित तौर पर किम को न जानने के बारे में की गई चार टिप्पणियों में से कोई भी झूठी बयानी नहीं है. इसमें गोल्फ के बारे में की गई टिप्पणी भी शामिल है.
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एमके/