संभल मस्जिद विवाद : 24 नवंबर की घटना में शामिल होने के आरोप में जफर अली गिरफ्तार : एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई

संभल, 23 मार्च . संभल के शाही जामा मस्जिद के सदर, जफर अली को विवादित स्थल पर पत्थरबाजी और फायरिंग के मामले में पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने जफर अली को कोर्ट के सामने पेश किया.

इस मामले में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने जानकारी दी कि जफर अली की गिरफ्तारी 24 नवंबर 2024 को हुई घटना से जुड़ी हुई है. इस दिन संभल में विवादित स्थल पर सर्वे कार्य चल रहा था, इस दौरान स्थानीय लोगों ने पत्थरबाजी और फायरिंग की थी. इस घटना के बाद थाना में अभियोग पंजीकृत किया गया था, जिसकी जांच की जा रही थी.

एसपी विश्नोई ने आगे बताया कि जफर अली को शनिवार रात हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी. रविवार को उन्हें एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. जफर अली को विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें क्रिमिनल कांस्पिरेसी (आपराधिक साजिश) भी शामिल है. गिरफ्तारी के बाद सभी विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की गई है और जफर अली को कोर्ट में पेश किया गया है. इसके बाद अब कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाएगा.

जफर अली की गिरफ्तारी के विरोध में वकीलों ने प्रदर्शन किया. पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ वकील अपना विरोध दर्ज करवा रहे थे.

वहीं, इस पूरे मामले पर एडवोकेट शकील अहमद ने कहा कि जफर अली का अब चालान कर दिया गया है और उन्हें चंदौसी ले जाया जा रहा है, जहां उनका मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा. शकील अहमद ने यह भी बताया कि वह जफर अली की जमानत के लिए प्रयास करेंगे, क्योंकि पुलिस ने उन्हें बेगुनाह और गलत तरीके से गिरफ्तार किया है. पुलिस को जफर अली को गिरफ्तार करने का कोई अधिकार नहीं था. यह पूरी कार्रवाई पुलिस प्रशासन की धांधली और गुंडागर्दी का हिस्सा थी. वकील शकील अहमद ने यह स्पष्ट किया कि जफर अली का गिरफ्तार होना पूरी तरह से गलत था और उनके खिलाफ आरोप बेबुनियाद हैं.

बता दें कि इससे पहले कोतवाली पुलिस ने पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया था. पुलिस अधिकारी उनसे पिछले साल नवंबर में हुई हिंसा के बारे में पूछताछ कर रहे थे. कानून-व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.

जफर अली के बड़े भाई मोहम्मद ताहिर ने आरोप लगाया था कि सदर को न्यायिक आयोग में बयान देने से रोकने के लिए यह “असंवैधानिक कार्रवाई” हुई है. उन्होंने बताया कि जफर अली को पुलिस जेल भेजना चाहती है. पुलिस चाहती है कि वह बयान न दें. लेकिन वह वही बयान देंगे जो आयोग के सामने दिया है. उन्होंने आगे कहा कि शनिवार को जफर अली को न्यायिक आयोग से सम्मन आया था. उन्हें जाना था. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने “असंवैधानिक कार्रवाई” की है. हम अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे, जो न्यायिक आयोग में कहा है, वही बयान देंगे.

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