राज्यसभा में अमित शाह बोले- किसी की कृपा से यहां नहीं हूं, सात बार जीता हूं चुनाव

नई दिल्ली 19 मार्च . केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि वह किसी की कृपा से यहां नहीं है, बल्कि वह सात बार चुनाव जीत चुके हैं. दरअसल बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू की गई. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने सीबीआई पर बोलना शुरू किया तो गृहमंत्री बताया कि सीबीआई गृह मंत्रालय के अंतर्गत नहीं आती है. इसके बाद गोखले ने गृहमंत्री पर निजी टिप्पणी की. तृणमूल कांग्रेस के सांसद को जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि वह किसी की कृपा या फिर किसी विचारधारा का विरोध करके यह नहीं पहुंचे हैं.

बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान साकेत गोखले ने सीबीआई को लेकर चर्चा शुरू की. इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चर्चा गृह विभाग पर हो रही है. शायद इनको मालूम नहीं है कि सीबीआई और बाकी सारी एजेंसियों के नाम जो वो बोलना चाहते हैं, उनमें से एक भी गृह विभाग के अंतर्गत नहीं आते हैं.

अमित शाह ने कहा कि केवल गृह विभाग के बारे में चर्चा करनी चाहिए. अगर आप विस्तृत विषयों पर चर्चा करना चाहते हैं तो फिर मुझे भी अनुमति दीजिएगा मैं हर चीज का जवाब दूंगा.

साकेत गोखले ने कहा कि सीबीआई ने 6900 हजार करप्शन केस दर्ज किए हैं. इनमें से बीते 20 वर्षों से 361 मामले लंबित हैं. उन्होंने गृह मंत्री पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी की. इसके बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों का हंगामा शुरू हो गया. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि किसी से डरने का प्रश्न ही नहीं उठाता. मैं किसी की कृपा से यहां नहीं आया हूं.

गृहमंत्री ने कहा, “मैं सात बार चुनाव जीत कर आया हूं. एक विचारधारा का विचार विरोध करके यहां नहीं घुसा हूं. डरने का प्रश्न ही नहीं उठाता. ये सदन को गलत जानकारी दे रहे हैं. सीबीआई के जो मामले कहे जा रहे हैं वह सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के ऑर्डर से चुनावी हिंसा के लिए रजिस्टर किए गए. चुनावी हिंसा बंगाल में हुई थी, हमारी सीटें ज्यादा आ गईं, जहां हमारा बहुमत था चुन-चुन के उन बूथों पर हत्या की गई. महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया. इसके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया. पीड़ित लोग जब हाई कोर्ट पहुंचे तो कोर्ट के आदेश से सीबीआई जांच का आदेश दिया गया.”

गृह मंत्री ने कहा कि जमींदारी कौन कर रहा है अब वह पूरा देश देखेगा. तृणमूल कांग्रेस सांसदों के लिए उन्होंने कहा कि आप हाईकोर्ट को भी नहीं मानोगे. यह कह रहे हैं केस के परिणाम नहीं आ रहे है, इसलिए परिणाम नहीं आ रहा है, क्योकि पश्चिम बंगाल में एक भी सीबीआई स्पेशल कोर्ट नहीं है.

वहीं नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि साकेत गोखले गृहमंत्री के लिए कहे गए अपने कथन पर माफी मांगें और उसे वापस लें. यदि वह अपने कथन वापस नहीं लेते हैं तो इन शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकाला जाए.

इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने साकेत गोखले से कहा कि वह गृह मंत्री पर की गई निजी टिप्पणी वापस लें. हालांकि साकेत गोखले ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद सभापति ने उनके द्वारा कहे गए कथन को सदन की कार्यवाही से बाहर कर दिया. साकेत गोखले द्वारा बोले गए कुछ अन्य व्यक्तिगत वक्तव्यों पर भी सत्ता पक्ष ने नाराजगी जताई.

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने अपनी बात की शुरुआत ही नकारात्मक तरीके से की है. हम किसी भी प्रकार के सुझाव सुनने के लिए तैयार हैं, लेकिन इस तरह की बातों को स्वीकार नहीं किया जा सकता. हम ऐसा मानते हैं कि राज्यसभा की गरिमा को बनाए रखा जाना चाहिए, लेकिन इन्होंने इतना घटिया भाषण देकर राज्यसभा की गरिमा को गिराया है.

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