नई दिल्ली, 19 मार्च . वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने बुधवार को कहा कि घरेलू बाजार का बड़ा आकार भारत की बाहरी मांग पर निर्भरता को कम करता है और देश को अमेरिकी टैरिफ वृद्धि से होने वाले प्रभाव को कम करने में मदद करेगा, जिससे अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 26 में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़ सकती है.
रेटिंग्स एजेंसी ने वित्त वर्ष 26 के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. वहीं, वित्त वर्ष 27 के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है, जो कि दिसंबर में घोषित किए गए अनुमान 6.2 प्रतिशत से 0.1 प्रतिशत अधिक है.
फिच का पूर्वानुमान ओईसीडी की तुलना में बेहतर है, जिसने वित्त वर्ष 26 में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया था. हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक के 6.7 प्रतिशत के अनुमान से कम है.
हाल ही में मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा के चलते पैदा हुई वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत को एशिया में सबसे अच्छी स्थिति वाला देश बाताया था. इसकी वजह देश का गुड्स एक्सपोर्ट टू जीडीपी रेश्यो कम होना और आर्थिक आधार का मजबूत होना था.
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही है, जो कि इससे पहले की तिमाही की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत से अधिक है.
जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर दो वर्ष के निचले स्तर पर पहुंच गई थी.
फिच की रिपोर्ट में बताया गया कि हमें नहीं लगता कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में आई गिरावट का लंबी अवधि में आर्थिक गतिविधि को कोई असर होगा. कंज्यूमर और बिजनेस का विश्वास उच्च स्तर पर बना हुआ है और निवेश से इन्फ्रास्ट्रक्चर को समर्थन मिल रहा है.
रिपोर्ट में आगे कहा कि क्षमता उपयोग भी उच्च स्तर पर बना हुआ है और मासिक व्यापार डेटा अक्टूबर में निर्यात में वृद्धि को दिखाता है.
रिपोर्ट में बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रह सकती है.
फिच ने भारत में महंगाई दर के अनुमान को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. वित्त वर्ष 27 के लिए पूर्वानुमान को पहले के 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.3 प्रतिशत कर दिया गया.
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एबीएस/