नई दिल्ली, 18 मार्च . नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स करीब नौ महीने तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर ‘फंसे’ रहने के बाद आखिरकार धरती पर लौट रही हैं. उनकी वापसी को लेकर दिल्ली के नेहरू तारामंडल की प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने न्यूज एजेंसी से खास बात की.
दिल्ली के नेहरू प्लेनेटेरियम (तारामंडल) की प्रोजेक्ट मैनेजर प्रेरणा चंद्रा ने बताया, “सुनीता विलियम्स एस्ट्रोनॉट के क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम है और मुझे उम्मीद है कि आज वह सुरक्षित वापसी कर पाएंगी, वह बहुत लंबे समय के बाद पृथ्वी पर वापस आ रही हैं. अगर उनके स्वास्थ्य की बात करें तो यह भी एक बड़ा विषय है क्योंकि हम स्पेस में माइक्रो ग्रेविटी के अंदर रहते हैं. किसी भी तरह का कोई गुरुत्वाकर्षण नहीं होता है ऐसी स्थिति में शरीर के अंदर बहुत सारे बदलाव आते हैं, परेशानी होती हैं जो पृथ्वी पर आने के बाद ग्रेविटी पर हिट करती हैं और यहां पर हमें ज्यादा दिखाई पड़ती हैं. इस कारण एस्ट्रोनॉट्स को रिहैबिलिटेशन की जरूरत होती है. वो नौ महीने के लंबे समयांतराल से अंतरिक्ष में थी ऐसे में उन्हें रिकवरी के लिए भी बहुत लंबा समय चाहिए होगा.”
उन्होंने बताया, “सुनीता विलियम्स पहली बार अंतरिक्ष में नहीं गई, वो इससे पहले भी कई बार, कई महीने तक वहां पर रह चुकी हैं. पहले वो सही सलामत धरती पर आ जाएं. हमारी कामना है कि वो जल्द रिकवरी करें और फिर स्वस्थ जीवन व्यतीत करें.”
प्रेरणा चंद्रा ने बताया, “नासा के स्पेस मिशन के तहत सुनीता को इंटरनेशनल स्पेस सेंटर भेजा गया था. यह 7 से 8 दिन का मिशन था. लेकिन हीलियम लीक होने के कारण नासा की तरफ से धीरे-धीरे समय को आगे बढ़ाया गया. कुछ सप्ताह और महीने के बाद अब कुल 9 महीने का समय हो गया है.”
बता दें अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष से वापसी को लेकर गुजरात के मेहसाणा स्थित झुलासन गांव में रहने वाले ग्रामीण काफी खुश हैं. सभी लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि अंतरिक्ष से उनकी सुरक्षित वापसी हो.
सुनीता विलियम्स के इस गांव में उनके स्वागत के लिए तैयारियां की जा रही हैं. ग्रामीणों को उम्मीद है कि सुनीता गांव में जरूर आएंगी. ग्रामीणों के अनुसार, वह सुनीता का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वह तीन बार गांव आ चुकी हैं, पहली बार साल 2006 और इसके बाद साल 2012 में आई थी. अन्य ग्रामीणों ने बताया है कि वह सुनीता विलियम्स का भव्य स्वागत करेंगे.
–
एससीएच/जीकेटी