नई दिल्ली, 18 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ पर बोला. उन्होंने महाकुंभ के आयोजन को ऐतिहासिक बताया. लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण के बाद विपक्षी राजनेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने पीएम मोदी पर महाकुंभ को लेकर सिर्फ एकतरफा बात करने का आरोप लगाया.
महाकुंभ पर पीएम मोदी के भाषण पर समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर सिर्फ वही बात की, जिसे वो लगातार पहले से कहते आ रहे हैं. महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन जो दुर्घटना हुई, उस समय से हमारे नेता अखिलेश यादव लगातार सवाल उठाते रहे हैं. लोकसभा में पीएम मोदी के भाषण को हमने बहुत धैर्यता से सुना, भाषण खत्म होने के बाद हमने मांग कि वो कम से कम महाकुंभ में जान गंवाने वालों, घायलों और लापता लोगों की सूची दे दें. लेकिन, वो सिर्फ अपना वक्तव्य देकर चले गए. इस मांग को लेकर समाजवादियों ने सदन से बॉयकॉट किया है.”
सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, प्रधानमंत्री ने सदन में जो बयान दिए हैं, वो एक तरफा था. पीएम मोदी ने सदन में महाकुंभ पर जो बोला है, अच्छा होता अगर उनके बाद विपक्ष को भी अपनी बात रखने को मौका मिलता. पीएम मोदी ने एकतरफा बात करते हुए सिर्फ अपनी तारीफ की. जो घटना हुई, उसपर चर्चा नहीं की. इसलिए हम लोगों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
राज्यसभा सांसद एवं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने पीएम मोदी के महाकुंभ पर दिए भाषण को लेकर कहा, महाकुंभ में साधु-संतों का प्रभुत्व रहता है, वे ही उन्हें संचालित करते हैं. इसका श्रेय भी उन्हें ही जाता है. लेकिन, इस बार यह देखने को मिला की महाकुंभ का पूरा श्रेय नेताओं को गया. ऐसे में इस बार का महाकुंभ नेताओं से बहुत ज्यादा प्रभावित रहा.
वहीं, महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा को लेकर राजीव शुक्ला ने कहा, “नागपुर की घटना बहुत दुखदायी है. महाराष्ट्र में कभी भी ऐसा माहौल नहीं था. जानबूझकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है. जब कोई दल सत्ता में आ गई है, तो उन्हें काम करना चाहिए. अच्छा शासन चलाना चाहिए, बगैर इसके कि लोगों के बीच झगड़े कराकर राजनीति करें.”
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एससीएच/जीकेटी