नई दिल्ली, 18 मार्च . केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 620 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है.
जारी की गई राशि में 611.6913 करोड़ रुपये की अनटाइड ग्रांट की दूसरी किस्त और अनटाइड ग्रांट की पहली किस्त का 8.42 करोड़ रुपये का रोका हुआ हिस्सा शामिल है.
पंचायती राज मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये फंड राज्य की चार पात्र जिला पंचायतों, 40 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 21,551 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए हैं.
पंचायती राज संस्थाओं/ग्रामीण स्थानीय निकायों द्वारा वेतन और दूसरी स्थापना लागतों को छोड़कर, स्थानीय जरूरतों के लिए अनटाइड ग्रांट का उपयोग किया जाएगा.
टाइड ग्रांट का इस्तेमाल स्वच्छता और खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्टेटस बनाए रखने, पीने के पानी की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण जैसी आधारभूत सेवाओं के लिए किया जा सकता है.
सरकार, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से, ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को 15वें वित्त आयोग के अनुरूप अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है.
आवंटित अनुदान की सिफारिश के बाद इसे एक वित्त वर्ष में दो किस्तों में जारी किया जाता है.
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत पश्चिम बंगाल में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 699 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया.
पंचायती राज मंत्रालय के अनुसार, इसमें 694.44 करोड़ रुपये की राशि के अनटाइड अनुदान की दूसरी किस्त और अनटाइड अनुदान की पहली किस्त का 4.93 करोड़ रुपये का रोका हुआ हिस्सा शामिल है.
यह धनराशि राज्य की 21 पात्र जिला पंचायतों, 326 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 3,220 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए है.
यह वित्तीय सहायता देश के गांवों में ग्रामीण स्थानीय शासन को बेहतर बनाने, जवाबदेही बढ़ाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करती है.
इससे पहले, केंद्र ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बिहार, हरियाणा और सिक्किम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए कुल 1,086.06 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया था.
–
एसकेटी/एकेजे