ओडिशा के मुख्यमंत्री ने कवि रमाकांत रथ के निधन पर जताया शोक

भुवनेश्वर, 16 मार्च . ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने प्रख्यात ओडिया कवि पद्म भूषण रमाकांत रथ के निधन पर गहरा दुख जताया है.

मुख्यमंत्री ने उन्हें भारतीय साहित्य का एक महान कवि बताते हुए उनके योगदान को याद किया.

अपने शोक संदेश में सीएम माझी ने कहा, “रमाकांत रथ ने अपनी कविताओं से साहित्य की दुनिया में अमिट छाप छोड़ी. उनकी रचनाएं जैसे ‘सप्तम ऋतु’, ‘श्री राधा’, ‘सचित्रा अंधारा’, ‘केते दिनारा’, ‘दुआरा एपत्रु’ और ‘नया नया कहुका कहकु’ हमेशा याद की जाएंगी.”

उन्होंने यह भी बताया कि रथ ने कवि के तौर पर ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक क्षेत्र में भी ओडिशा के लिए बहुत कुछ किया. वे राज्य के विभिन्न विभागों में सचिव और ओडिशा के मुख्य सचिव भी रहे.

रमाकांत रथ को उनकी कविताओं के लिए कई बड़े सम्मान मिले. ‘श्री राधा’ के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान, ‘सप्तम ऋतु’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार और ‘सचित्रा अंधारा’ के लिए सरला पुरस्कार से नवाजा गया.

इसके अलावा, वे साहित्य अकादमी के फेलो भी थे, जो साहित्य में उनकी ऊंची उपलब्धि को दर्शाता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि रथ ने ओडिया साहित्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई.

सीएम माझी ने कहा, “उनका जाना साहित्य के लिए ऐसी कमी है, जिसे भरा नहीं जा सकता. मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताता हूं.”

रमाकांत रथ के सम्मान में मुख्यमंत्री ने उनके अंतिम संस्कार को पूरे राजकीय सम्मान के साथ करने का निर्देश दिया है.

एसएचके/केआर