सीजीटीएन सर्वे : ईरानी परमाणु मुद्दे में शांतिपूर्ण योगदान देता है चीन

बीजिंग, 15 मार्च . चीन ने 14 मार्च को ईरानी परमाणु मुद्दे पर चीन, रूस और ईरान के बीच पेइचिंग बैठक आयोजित की. दुनिया भर के नेटिज़नों के लिए सीजीटीएन द्वारा शुरू किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, उत्तरदाताओं ने आम तौर पर पेइचिंग बैठक को ईरानी परमाणु मुद्दे के राजनीतिक समाधान को बढ़ावा देने के लिए एक उपयोगी प्रयास माना और ईरानी परमाणु मुद्दे में चीन की रचनात्मक भूमिका की सराहना की.

एक दशक पहले ही ईरान और अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस तथा जर्मनी संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) पर सहमत हुए थे. हालांकि, अमेरिका ने 2018 में एकतरफा तरीके से इस समझौते से खुद को अलग कर लिया और ईरान पर प्रतिबंधों और अत्यधिक दबाव को फिर से शुरू कर दिया, जिससे ईरानी परमाणु मुद्दे पर दुविधा फिर से उभर आई है.

सर्वेक्षण में, 87.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि जेसीपीओए संवाद और बातचीत के माध्यम से संवेदनशील मुद्दों से निपटने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और सभी देशों को इसे पलटने और एक नया समझौता शुरू करने की बजाय इसकी वैधता बनाए रखनी चाहिए. 89.8 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि कोई भी अवैध एकतरफा प्रतिबंध, बल का खतरा और अत्यधिक दबाव ईरानी परमाणु मुद्दे को हल करने में मदद नहीं करेगा. 89.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि आपसी सम्मान के आधार पर राजनीतिक और कूटनीतिक जुड़ाव और संवाद ईरानी परमाणु मुद्दे को हल करने के लिए एकमात्र प्रभावी और व्यवहार्य विकल्प है. अन्य 90.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि ईरानी परमाणु मुद्दे से संबंधित पक्षों को ऐसी कार्रवाइयों से बचना चाहिए, जिससे स्थिति और बिगड़े, तथा उन्हें संयुक्त रूप से कूटनीतिक प्रयासों के लिए अनुकूल माहौल और परिस्थितियां बनानी चाहिए.

यह सर्वेक्षण सीजीटीएन के अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी और रूसी प्लेटफार्मों पर जारी किया गया, जिसमें कुल 7,766 उत्तरदाताओं ने 24 घंटे के भीतर मतदान किया और अपनी राय व्यक्त की.

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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