बलिया, 15 मार्च . कर्नाटक सरकार द्वारा मुस्लिम ठेकेदारों को ठेकेदारी में 4 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले ने राजनीति में नया विवाद खड़ा कर दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने इस कदम को तुष्टिकरण की राजनीति करार दिया है. उनका कहना है कि कर्नाटक सरकार का यह कदम वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा है और यह किसी एक धर्म या समुदाय के पक्ष में लिया गया कदम है. सिंह ने यह भी कहा कि इस तरह का आरक्षण किसी धर्म, संप्रदाय या समुदाय के आधार पर नहीं होना चाहिए.
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में बयान दिया था कि बीजेपी मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैला रही है और आने वाले समय में पीडीए के खिलाफ भी यही रणनीति अपनाएगी. इस पर दयाशंकर सिंह ने कहा कि अगर अखिलेश यादव को पीडीए का पक्ष लेना है तो उन्हें महाकुंभ के दौरान लाखों लोगों के स्नान को देखना चाहिए था, जहां देश की आधी आबादी ने आस्था के साथ डुबकी लगाई थी. उन्होंने कहा कि जो लोग कुंभ का विरोध कर रहे थे, वे अब इसका समर्थन कर रहे हैं. वे वोट बैंक की राजनीति के लिए केवल एक विशिष्ट समुदाय पर ध्यान केंद्रित करते रहते हैं.
दयाशंकर सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी नेता केवल एक जाति और परिवार की राजनीति कर रहे हैं और उनके लिए यह पूरी प्रक्रिया वोट बैंक के हित में होती है. उनके मुताबिक, बीजेपी का ध्यान हमेशा देश की सामूहिकता और विकास पर होता है न कि किसी विशेष समुदाय के वोट बैंक पर.
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एकेएस/