मुंबई, 15 मार्च . भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंडसइंड बैंक को लेकर पिछले कुछ दिनों से जारी अनिश्चितताओं के बीच बैंक के ग्राहकों को उसकी वित्तीय स्थिति के बारे में आश्वस्त किया है.
केंद्रीय बैंक ने पुष्टि की कि इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है और जमाकर्ताओं के लिए चिंता की कोई बात नहीं है.
केंद्रीय बैंक ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “इस समय जमाकर्ताओं को अटकलों पर प्रतिक्रिया करने की कोई जरूरत नहीं है.”
उसने कहा कि बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और रिजर्व बैंक इस पर कड़ी निगरानी रख रहा है.
आरबीआई के अनुसार, 31 दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही में इंडसइंड बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात 16.46 प्रतिशत और प्रोविजन कवरेज अनुपात (पीएआर) 70.20 प्रतिशत दर्ज किया गया.
बैंक ने 9 मार्च 2025 तक 113 प्रतिशत का तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) भी बनाए रखा, जो 100 प्रतिशत की नियामक जरूरत से काफी ऊपर है.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा कि ये आंकड़े संकेत देते हैं कि बैंक अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए वित्तीय रूप से मजबूत है.
आरबीआई ने आगे कहा कि इंडसइंड बैंक ने अपने सिस्टम की समीक्षा करने और हाल के घटनाक्रमों के प्रभावों का आकलन करने के लिए एक बाहरी ऑडिट टीम को नियुक्त किया है.
बैंक के बोर्ड और प्रबंधन को चालू तिमाही (वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही) के भीतर सुधार से जुड़े सभी कार्यों को पूरा करने और हितधारकों को उचित खुलासे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है.
आरबीआई ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि जमाकर्ताओं को काल्पनिक रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए, क्योंकि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत बनी हुई है और इसकी कड़ी निगरानी की जा रही है.
केंद्रीय बैंक ने वित्तीय अनिश्चितताओं के दौरान जमाकर्ताओं की सुरक्षा में अपने मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड पर भी प्रकाश डाला.
इंडसइंड बैंक की मौजूदा स्थिति कोई बड़ा संकट नहीं बल्कि एक अकाउंटिंग विसंगति है. इस सप्ताह की शुरुआत में, बैंक ने खुलासा किया था कि उसने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों की पहचान की है, जिसका दिसंबर 2024 तक उसके नेटवर्थ पर लगभग 2.35 प्रतिशत प्रभाव पड़ सकता है.
हालांकि, आधिकारिक बयान के अनुसार, बैंक इस मुद्दे को हल करने के लिए उपाय कर रहा है.
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एसकेटी/एकेजे