बेंगलुरु, 14 मार्च . बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को सोना तस्करी के मामले में अभिनेत्री रान्या राव की जमानत याचिका को ठुकरा दिया. रान्या राव अभी जेल में हैं और वह वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी व डीजीपी के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं. इस मामले ने पूरे देश में काफी चर्चा बटोरी है.
न्यायाधीश विश्वनाथ सी गौदर ने राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की बातों को सुनने के बाद यह फैसला दिया. वहीं, इस मामले में दूसरे आरोपी तरुण राजू के वकील ने भी जमानत के लिए याचिका दायर की. अदालत ने डीआरआई से इस पर अपनी आपत्तियां पेश करने को कहा.
अदालत ने इस मामले को गंभीर मानते हुए यह फैसला सुनाया. डीआरआई ने पहले अदालत को बताया था कि रान्या राव से जुड़ा सोना तस्करी का मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर का है और इसमें हवाला का भी कनेक्शन है. इस वजह से यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला बन गया है.
डीआरआई की ओर से वरिष्ठ वकील मधु राव ने बुधवार को अदालत में रान्या राव की जमानत याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि तस्करी के इस गिरोह की भूमिका की जांच जरूरी है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं और संदिग्ध हवाला लेन-देन की भी जांच चल रही है.
राव ने कहा, “अगर हम इस मामले में अपराध की मंशा को देखें, तो जेल ही उसके लिए सही जगह है. अदालत को सिर्फ इस वजह से जमानत नहीं देनी चाहिए कि आरोपी एक महिला है.”
उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन हैं और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की मदद से तस्करी की गई.
उन्होंने कहा, “इस बात की जांच की जानी चाहिए कि धन का हस्तांतरण कैसे किया गया और जब्त सोने को खरीदने के लिए धन की व्यवस्था कैसे की गई.”
वकील ने यह भी बताया कि रान्या राव के पास एक पहचान पत्र है, जिसमें उसे दुबई का निवासी बताया गया है, जिससे उसके देश से भागने का खतरा बढ़ जाता है.
उन्होंने कहा, “उसे जमानत देने की कोई ठोस वजह नहीं है, खासकर जब उसने 12.56 करोड़ रुपये का सोना तस्करी किया हो. इसके अलावा, 2.67 करोड़ रुपये नकद और 2.06 करोड़ रुपये का सोना पहले ही जब्त हो चुका है. 4 मार्च को उसके घर की तलाशी ली गई और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक कानूनी तरीके से उसे गिरफ्तार किया गया.”
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