चेन्नई, 13 मार्च . तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने गुरुवार को मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन पर तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी), राज्य के आबकारी मंत्री वी. सेंथिल बालाजी और शराब आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापों से जनता का ध्यान भटकाने के प्रयास करने का आरोप लगाया.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में अन्नामलाई ने कहा, “ईडी ने डिस्टिलरी से 1,000 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी के उत्पादन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए हैं, जिन्हें रिश्वत के रूप में दिया गया था. द्रमुक सिस्टम में हेरफेर करके अपनी पार्टी के खजाने को भरने के लिए आम आदमी का शोषण कर रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन का कर्तव्य है कि वह जवाब दें कि यह रिश्वत किसने प्राप्त की.”
ईडी द्वारा राज्य संचालित टीएएसएमएसी में 1,000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाने के बाद, राज्य भाजपा अध्यक्ष ने सीएम स्टालिन के पद पर बने रहने के नैतिक अधिकार पर सवाल उठाया.
उन्होंने जोर दिया कि मुख्यमंत्री को आरोपों का जवाब देना चाहिए और टीएएसएमएसी के भीतर भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
पूर्व आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने अन्नामलाई ने तमिलनाडु के लोगों से “भ्रष्ट द्रमुक सरकार” के खिलाफ भाजपा के आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया.
तमिलनाडु भाजपा ने भी 17 मार्च को चेन्नई स्थित टीएएसएमएसी मुख्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन की घोषणा की है.
भाजपा नेता ने पहले आरोप लगाया था कि शराब घोटाला, जिसके कारण पहले दिल्ली और छत्तीसगढ़ में सरकारें बदल गई थीं, अब टीएएसएमएसी मुख्यालय पर ईडी की छापेमारी के बाद तमिलनाडु में भी वैसे ही परिणाम सामने लाएगा.
उन्होंने दावा किया कि द्रमुक सरकार ने दोषपूर्ण खरीद नीति के जरिए कम से कम 1,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की और उस धनराशि को 2024 के लोकसभा और 2026 के विधानसभा चुनाव खर्च के लिए रखा गया है.
ईडी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर 6 मार्च को टीएएसएमएसी कार्यालयों, कर्मचारियों के आवासों और कॉर्पोरेट डिस्टिलरीज पर की गई छापेमारी का विवरण दिया.
केंद्रीय एजेंसी ने खुलासा किया कि टीएएसएमएसी के संचालन में कई अनियमितताएं पाई गईं, जिनमें टेंडर में हेराफेरी और डिस्टिलरी कंपनियों के माध्यम से 1,000 करोड़ रुपये के बेहिसाब नकद लेनदेन शामिल हैं.
ईडी ने कहा कि उसकी जांच से टीएएसएमएसी के भीतर भ्रष्ट आचरण के ठोस सबूत मिले हैं, जिससे पुष्टि होती है कि तमिलनाडु में शराब के कारोबार में रिश्वतखोरी शामिल थी.
चूंकि राज्य में शराब की बिक्री पर टीएएसएमएसी का एकाधिकार है, इसलिए ईडी के निष्कर्षों ने तमिलनाडु सरकार के भीतर वित्तीय कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं.
जैसे-जैसे राजनीतिक लड़ाई तेज होती जा रही है, भाजपा सत्तारूढ़ द्रमुक से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए अपना विरोध-प्रदर्शन तेज करने की तैयारी में है.
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एकेएस/एकेजे