दक्षिण कोरियाई फर्म सेलट्रियन ने अमेरिका में ऑटोइम्यून बीमारी का इलाज शुरू किया

सियोल, 13 मार्च . दक्षिण कोरिया की प्रमुख बायोफार्मास्युटिकल फर्म ‘सेलट्रियन’ ने गुरुवार को कहा कि उसने अमेरिका में ऑटोइम्यून बीमारी का इलाज शुरू किया है. जिसके तहत कंपनी ने स्टेलारा के लिए अपना बायोसिमिलर प्रोडक्ट शुरू किया है.

योनहाप न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सेलट्रियन ने अमेरिका में ऑटोइम्यून बीमारियों का इलाज शुरू किया है. स्टेकेयमा नाम की एक दवा, प्लाक सोरायसिस, क्रोहन रोग, एक्टिव सोरायटिक आर्थराइटिस और अल्सरेटिव कोलाइटिस का इलाज करती है. कंपनी ने बताया कि यह उसका सातवां बायोसिमिलर है, जो अमेरिकी बाजार में आया है.

कंपनी ने बताया कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने दिसंबर में दवा और लिक्विड दोनों तरह के फॉर्मूलेशन में बायोसिमिलर दवा को मंजूरी दी थी. वहीं, इस सप्ताह की शुरुआत में अस्थमा और अन्य पुरानी एलर्जी संबंधी बीमारियों के लिए सेलट्रियन के बायोसिमिलर प्रोडक्ट को अमेरिका में बिक्री के लिए एफडीए से मंजूरी मिली थी.

सेलट्रियन ने कहा कि एफडीए ने सेलट्रियन की ओमलीक्लो नामक दवा को मंज़ूरी दे दी है. यह दवा जोलैर जैसी ही है और मध्यम से गंभीर स्टेज में लगातार रहने वाला अस्थमा, नाक में पॉलिप्स, खाने की एलर्जी और त्वचा की पुरानी पित्ती संबंधी बीमारी के इलाज में काम आएगी.

कंपनी ने कहा कि बायोसिमिलर को इंटरचेंजेबिलिटी स्टेटस भी दिया गया है, जिससे इसे बिना किसी हस्तक्षेप के आगे बढ़ाया जा सकता है. दवा निर्माता कंपनी अमेरिकी बायोसिमिलर बाजार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रही है.

पिछले कुछ महीनों में, उन्हें अमेरिका में कई बायोसिमिलर बेचने की FDA से मंजूरी मिली है. इनमें ऑटोइम्यून बीमारी के लिए एक्टेमरा की बायोसिमिलर एव्टोजमा, और प्रोलिया व एक्सजेवा की बायोसिमिलर दवाएं स्टोबोक्लो और ओसेनवेल्ट शामिल हैं.

बता दें कि सेलट्रियन का लक्ष्य 2030 तक वैश्विक बाजारों में 22 बायोसिमिलर प्रोडक्ट को उतारना है.

डीएससी/एएस