नई दिल्ली, 12 मार्च . उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 3.61 प्रतिशत पर रही है, जो कि जनवरी के आंकड़े से 0.65 प्रतिशत कम है. इसकी वजह खाद्य उत्पादों की कीमत में कमी आना है.
देश में जुलाई 2024 के बाद खुदरा महंगाई का यह सबसे निचला स्तर है.
आधिकारिक बयान में कहा गया कि फरवरी में खाद्य महंगाई दर मई 2023 के बाद सबसे निचले स्तरों पर आ गई है और जनवरी के मुकाबले इसमें 2.22 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है.
मुख्य महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर में फरवरी में आई गिरावट की वजह सब्जियों, अड्डों, मीट और मछ्ली, दालों और दुग्ध उत्पादों की कीमतों में कमी आना है.
फरवरी में जिन उत्पादों में सबसे कम महंगाई दर रही है. उनमें अदरक (-35.81 प्रतिशत), जीरा (-28.77 प्रतिशत), टमाटर (-28.51 प्रतिशत), फूलगोभी (-21.19 प्रतिशत) और लहसन (-20.32 प्रतिशत) शामिल थे.
इस महीने ईंधन की कीमत में कमी देखने को मिली है और यह फरवरी में (-) 1.33 प्रतिशत रही है.
खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे आने के कारण केंद्रीय बैंक के पास आर्थिक विकास दर को बढ़ाने और अधिक नौकरियां पैदा करने के लिए ब्याज दरों में कटौती की पर्याप्त जगह है.
पिछले महीने आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट को 25 आधार अंक कम करके 6.5 प्रतिशत से 6.25 प्रतिशत कर दिया था. साथ ही कहा था कि महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य के अनुरूप 4 प्रतिशत के नीचे आने की उम्मीद है.
फरवरी महीने में हुई एमपीसी ने सर्वसम्मति से मौद्रिक नीति में अपने तटस्थ रुख को जारी रखने का भी फैसला किया और विकास को समर्थन देते हुए महंगाई को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया था. मल्होत्रा ने कहा कि इससे व्यापक आर्थिक माहौल पर प्रतिक्रिया करने में लचीलापन मिलेगा.
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एबीएस/